हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को पेपर लीक की वजह से बंद करने के बाद अब राज्य चयन आयोग के माध्यम से कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट प्रणाली लागू करने जा रहे हिमाचल के लिए एक चिंता वाली खबर आई है। इसी फॉर्मेट के तहत परीक्षा ले रहे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का ग्रुप-डी का एग्जाम लीक हो गया है। यह पेपर कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का था। हरियाणा सरकार 2022 में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट को लागू कर चुकी है और इसके लिए कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट को भी ओएमआर के साथ जोड़ा गया है, लेकिन यह ऑनलाइन प्रक्रिया भी लीक हो गई। दिल्ली पुलिस ने इस पेपर लीक के मामले में रोहतक से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें हरियाणा पुलिस के एक कांस्टेबल की भूमिका भी सामने आ रही है। एफआईआर दर्ज करने के बाद इस मामले में जांच जारी है, लेकिन इस घटना ने हिमाचल में चिंता बढ़ा दी है। हिमाचल में सरकार ने पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को बंद कर दिया था। इसकी जगह अब राज्य चयन आयोग बनाया जा रहा है और इसके लिए रिटायर आईएएस दीपक सानन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट सिस्टम से कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेने का ही फॉर्मेट दिया है।
हालांकि अभी इस कमेटी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार राज्य सरकार को है। राज्य के हजारों शिक्षित बेरोजगारों युवा कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पहले यह माना जा रहा था कि मानवीय हस्तक्षेप के बिना होने वाले कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट में पेपर लीक नहीं हो सकता, लेकिन हरियाणा की घटना ने राज्य सरकार को भी पुनर्विचार करने की तरफ चेताया है। हिमाचल में सरकार ने पेपर लीक का केस विजिलेंस ब्यूरो को दिया हुआ है। अभी तक 10 से ज्यादा एफआईआर हो चुकी हैं और कोर्ट में चार्जशीट दायर करने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी तरफ नई भर्ती परीक्षाएं लगभग रुक गई हैं। आयोग के पेंडिंग रिजल्ट को लोक सेवा आयोग को दिया गया है, लेकिन वहां स्पीड धीमी है।
जिस तरह हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में भी पेपर लीक का मामला सामने आया है, उसे हिमाचल में बनने वाले नए आयोग के लिए भी नई चुनौती खड़ी हो गई है। इस आयोग में राज्य सरकार ने अभी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर आईएएस अफसर डाक्टर आरके परुथी की नियुक्ति की है।