जिला किन्नौर के नाथपा झूला के पास पहाड़ी से भारी भू-स्खलन होने से राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 दूसरे दिन भी बहाल नही हुआ। हालांकि एनएच प्राधिकरण ने पहाड़ी से गिरे मलबे को हटाने के लिए मशीन लगाई है, लेकिन मलबा अत्याधिक होने से पहाड़ी से गिरे बड़े-बड़े बोल्डर्स को हटाने के लिए दो-तीन दिन का समय लग सकता है। पहाड़ी से निरंतर चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी है। गौर रहे कि शुक्रवार देर रात नाथपा बस स्टॉप के समीप अचानक भारी भू-स्खलन होने से राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 अवरुद्ध हुआ, जिस कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश ने बताया कि मलबा हटाने का कार्य जारी है। छोटे वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग वाया पानवी से निचार सडक़ मार्ग की मरम्मत की जा रही है, छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू की दी गई है। इसके अलावा सेब की पेटियों को पिकअप गाड़ी के माध्यम से वाया निचार भेजा जाएगा व उनके लिए अलग से टाइम टेबल सैट किया जाएगा।
यात्रियों की आवाजाही के लिए वांगतू से वाया संजय विद्युत परियोजना होते हुए पुराने पावर हाउस गेट तक वाहनों को भेजा जा रहा है, वहां से यात्री पैदल नाथपा बांध के समीप तक जाकर अपने गंतव्य का वाहन ले सकते हैं। 1500 मेगावाट क्षमता वाली नाथपा झाखड़ी जल विधुत परियोजना बांध के रेजऱवायर क्षेत्र के करीब 200 मीटर एरिया में गत शुक्रवार रात से पहाडिय़ों से चट्टानों का गिरना शुरू हो गया था, जो कि शनिवार को भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मार्ग के तौर पर एक अन्य मार्ग वांगतु से वाया नाथपा की ओर से एक बैली ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जो कि दो तीन दिन निर्माण कार्य पूर्ण किया जाएगा, ताकि लोगों को असुविधा न हों। उन्होंने जनता से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा करने से बचें। बता दें कि इससे पूर्व निगुलसरी के पास भी भारी भूस्खलन होने से करीब 11 दिन किन्नौर देश-दुनिया से कट गया था। जिला में इन दिनों सेब सीजन अंतिम पड़ाव पर है, वहीं सडक़ मार्ग अवरुद्ध होने से बागबानों की चिंता भी बढ़ गई है।