दक्षिण चीन सागर में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. जानकारी के अनुसार चीनी लड़ाकू विमान अमेरिकी बी 52 बमवर्षक विमान के बेहद करीब आ गया. इससे दुर्घटना होते होते बच गई. अमेरिकी सेना ने इस बात की जानकारी दी. साथ ही कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन अपनी दादागिरी करने पर उतावला रहता है. अमेरिकी सेना ने कहा कि हमें चिंता है कि यह पायलट इस बात से अनजान था कि वह टक्कर के कितने करीब आ गया था.
अमेरिका ने दावा किया है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में रूटीन ऑपरेशन कर रहे अमेरिकी वायुसेना के बी-52 विमान को गलत तरीके से रोकने की कोशिश की. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए वीडियो में बताया कि चीन के जे-11 विमान के पायलट ने 24 अक्तूबर को अमेरिकी वायुसेना के विमान को गैरपेशेवर तरीके से रोकने की कोशिश की थी. चीन के विमान की रफ्तार बहुत तेज थी. एक समय पर दोनों विमानों के बीच की दूरी महज 10 फीट थी, जिससे विमानों के आपस में टकराने का खतरा बन गया था.
अमेरिका का आरोप है कि चीनी विमान जानबूझकर गैर पेशेवर तरीके से अमेरिकी विमान के नजदीक पहुंचा और उसका रास्ता रोकने की कोशिश की. दोनों के बीच, दूरी इतनी कम बची थी कि आपस में तेज टक्कर हो सकती थी. हाल ही में दक्षिण चीन सागर में चीन के जहाज ने फिलिपींस की बोट को जानबूझकर टक्कर मार दी थी. यह घटना सेकंड थॉमस शोल की है, जो दक्षिण चीन सागर का इलाका है. फिलिपींस इस जगह को आयुंगिन शोल कहता है. फिलिपींस ने आरोप लगाया कि दक्षिण चीन सागर में चीन के कोस्टगार्ड के जहाज ने उसकी एक सप्लाई बोट पर टक्कर मारी. फिलीपींस के रक्षा सचिव गिलबर्तो टीयोडोरो ने दावा किया कि चीनी कोस्ट गार्ड और मैरिटाइम मिलिशिया जहाज ने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ते हुए जानबूझकर हमारी सप्लाई बोट और कोस्टगार्ड शिप को टक्कर मारी.
फिलीपींस की सरकार ने चीन के राजदूत हुआंग जिलियान को चीनी सरकार की लापरवाह और अवैध कृत्य की निंदा करने के लिए तलब किया गया था. मामला यह था कि फिलीपींस के कोस्ट गार्ड के कोमोडोर जे तारिएला ने बताया कि करीब 5 चीनी कोस्टगार्ड शिप, 8 जहाज और 2 नौसेना जहाजों ने फिलीपींस की दो कोस्टगार्ड शिप और दो सप्लाई बोट को रोक दिया था. जबकि चीन ने फिलिपींस के आरोपों को खारिज कर दिया था.