एनआईटी में अलसुबह छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद पूरे संस्थान में हड़कंपप मचा हुआ है। एक तरफ जहां पुलिस यहां लगातार गश्त कर निगरानी रखे हुए है, वहीं एनआईटी प्रबंधन भी अब कुछ सख्त फैसले लेता हुआ नजर आ रहा है। संस्थान की ओर से इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए दो होस्टल के वार्डन को हटा दिया है और वहां नए वार्डन की तैनाती की गई है। इसके अलावा सिक्योरिटी इंचार्ज को भी बदल दिया है। दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि सिक्योरिटी में लैप्स होने और वार्डन की ढील के चलते ही अनवांटेड लोगों ने संस्थान के भीतर एंट्री की। इसके अलावा सैकड़ों कनाल में फैले एनआईटी के सभी इलिगल रास्ते और गेट बंद किए जाएंगे। यहां वाउंडरी वाल के अलावा कंटीली तारों से तारबंदी की जाएगी, जिसका प्रोसेस भी शुरू कर दिया है।
संस्थान ने एक अनुशासन कमेटी का भी गठन किया है, जो ऐसे मामलों पर लगातार नजर रखेगी। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए एनआईटी प्रशासन एक ऐसी कमेटी का गठन भी करने की तैयारी में है, जिसमें कि कुछ सिलेक्टेड लोगों को शामिल किया जाएगा जो कि कभी भी किसी भी होस्टल में जाकर कमरे का औचक निरीक्षण कर सकेगी। बताते है कि जब एनआईटी हमीरपुर आरईसी होता था उस वक्त ऐसी औचक निरीक्षण कमेटियां होती थीं, जो कि कभी भी किसी होस्टल में जांच के लिए पहुंच जाती थीं, जिससे बच्चों में एक भय रहता था कि कुछ गलत करेंगे तो पकड़े जाएंगे। इसके साथ ही सिक्योरिटी को और अधिक टाइट करने को अंदरूनी स्तर पर जरूरी बदलाव भी संस्थान प्रबंधन करने जा रहा है।
एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एचएस सूर्यवंशी की मानें तो जो भी घटना हुई है, वो बहुत ही दुखद है। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए कुछ कड़े कदम उठाने और बदलाव एनआईटी प्रशासन करने जा रहा है। कुछ होस्टल वार्डन और सिक्योरिटी इंचार्ज को बदला गया है। डिसिप्लिन कमेटी गठित की गई है और कुछ रास्तों को भी बंद किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत देई ने नौण के पन्याला वार्ड से आई शिकायत के मामले में डायरेक्टर ने बताया कि पकड़े गए छात्रों को 11-11 हजार फाइन किया गया है। दरअसल एनआईटी के साथ सटे पन्याला वार्ड के पंच ने कुछ समय पहले एनआईटी प्रशासन को लिखित में शिकायत दी थी कि संस्थान के छात्र गांव में आकर हुड़दंग मचाते है और शराब पीते है, जिसके बाद प्रबंधन ने उन छात्रों की पहचान की और जुर्माना भी किया।