विश्व स्वास्थ्य संगठन के दवा गुणवत्ता को लेकर तय किए गए मापदंड पर खरा न उतरने पर केंद्र व राज्य सरकार के ड्रग महकमे ने हिमाचल प्रदेश के 45 दवा उद्योगों को नोटिस थमा दिए है। इन दवा उद्योगों में से जहां करीब एक दर्जन दवा उद्योगों के उत्पाद को रोक दिया गया है, तो वहीं कुछ उद्योगों के उत्पाद के कुछ क्षेत्र को बंद करने के साथ-साथ अन्य उत्पाद को नोटिस जारी किए है । यह नोटिस डब्ल्यूएचओ द्वारा दवाइयां की गुणवत्ता को लेकर तय किए गए मापदंड पर खरा न उतरने की सूरत में जारी किए है। प्रदेश में बीते 11 महीने से जारी सीडीएससीओ व स्टेट टीम के द्वारा किए जा रहे रिस्क बेस इंस्पेक्शन पर प्रदेश के 45 फार्मा उद्योगों के उत्पादन को रोकने ने नोटिस जारी किए है। हालांकि इनमें से कुछ ऐसी है, जिनका पूरा प्रोडक्शन रोका गया है जबकि कुछ ऐसी है जिनके कुछ सेक्शन बंद किए है। कालाअंब की दो दवा फैक्ट्रियां ऐसी है, जिनका पूरा उत्पादन रोक दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक इस औद्योगिक क्षेत्र में 10 दवा कंपनियां का रिस्क बेस इंस्पेक्शन हुआ था जिसमें 5-6 ऐसी दवा फैक्टरी थी जिनका कुछ सेक्शन के साथ उत्पादन रोकने को कहा गया था। सिरमौर के पांवटा साहिब की पांच दवा फैक्ट्रियों के कुछ सेक्शन में दवा निर्माण रोका गया है। पूरे देश भर में बनने वाली दवाओं के सब स्टैंडर्ड के आंकड़े में हिमाचल प्रदेश का आंकड़ा सिर्फ तीन प्रतिशत है। यह आंकड़ा न केवल देश में बल्कि पूरी दूनिया में प्रदेश में बनी दवाओं के प्रति सकारात्मक रवैया रखता है।