हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में हर व्यक्ति के पास अपना स्वास्थ्य कार्ड होगा। दिसंबर तक हर हिमाचली को यह कार्ड मिल जाएगा। इसके बाद पीएचसी से लेकर आईजीएमसी और एम्स तक इसी कार्ड से इलाज होगा। मरीज को अपने पुराने कागज साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। दशहरे के अवसर पर सीएम सुन्नी दौरे के दौरान जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान स्थानीय विधायक एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह उनके साथ थे। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करेगी। पिछली सरकार ने बिजली परियोजनाओं में राज्य के हितों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप कार्यान्वयन समझौता हस्ताक्षरित किए बिना 210 मेगावाट की लूहरी चरण-1, 382 मेगावाट की सुन्नी परियोजना तथा 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजनाओं पर निर्माण शुरू हुआ, जिस पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटड को नोटिस जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इन बिजली परियोजनाओं में लाडा का पैसा जमा नहीं करवाया गया और जीएसटी, फ्री-रॉयल्टी का प्रावधान भी नहीं किया गया।
यदि संबंधित कंपनी लोगों के अधिकारों पर ध्यान नहीं देती है, तो उन्हें दिए गए प्रोजेक्ट राज्य सरकार द्वारा टेकओवर कर लिए जाएंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य में अव्यवस्था को बढ़ावा दिया। बिना अध्यापकों और आधारभूत संरचना के 900 स्कूल और बिना चिकित्सकों के स्वास्थ्य संस्थान खोले गए। वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर ध्यान दे रही है। सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नीतियों में सुधार ला रही है, जिसका असर आने वाले दो-तीन वर्षों में दिखेगा। उन्होंने दोहराया कि हिमाचल प्रदेश आने वाले दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनकर उभरेगा। हमारे लिए फैसलों के रिजल्ट अगले दो साल में आना शुरू हो जाएंगे, लेकिन हिमाचल के लोगों को यह विश्वास बनाए रखना है।