हिमाचल प्रदेश के 25 हजार किसानों को जाइका प्रोजेक्ट व प्रदेश सरकार के माध्यम से सिंचाई सुविधा से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए हिमाचल के 296 गांवों को चयनित किया गया है। चयनित किए गए 296 में से 200 गांवों में बनने वाली सिंचाई योजनाओं की डीपीआई तैयार हो चुकी है तथा अब टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। 75 सिंचाई योजनाओं का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। फसल विविधिकरण योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए जाइका फेज टू के माध्यम से कार्य चल रहा है। सिंचाई की सुविधा होने के चलते किसानों को फसल उत्पादन में सहजता होगी। प्रदेश के 25 हजार किसानों को सिंचाई सुविधा के साथ फसल विविधिरण पर तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाना भी उद्देश्य है। इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी तथा फसल उत्पादन की तरफ किसानों का रूझान बढ़ेगा। जाइका फेज एक में पहले ही कृषि विकास समितियां बनाई जा चुकी हैं।
लगभग 250 गांवों की किसान समितियां बनाई जा चुकी हैं। इन समितियों को सब्जी उत्पादन के संदर्भ में प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। प्रशिक्षित कमेटियां सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने के बाद फसलों का सामूहिक रूप से उत्पादन कर स्वरोजगार अपनाएंगे। इस मुहिम से जहां रोजगार के साधन पैदा होंगे, वहीं प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या भी कम होगी। किसान किस तरह अपनी भूमि से अच्छा अनाज पैदा कर सकें, इसके लिए उन्हें आधुनिक तकनीक से अवगत करवाने के साथ ही साधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उधर, डा. सुनील चौहान परियोजना निदेशक जाइका हमीरपुर ने बताया कि हिमाचल के 25 हजार किसानों को सिंचाई योजनाओं की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के 296 गांव चयनित किए गए हैं, जहां पर सिंचाई योजनाएं स्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। 200 सिंचाई योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है तथा टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। 75 सिंचाई योजनाओं का कार्य शुरू भी कर दिया गया है।