हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब प्लास्टिक कचरे का सही तरीके से निपटारा किया जाएगा। प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट तैयार किए जाएंगे। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर बनाए जा रहे प्लास्टिक वैस्ट मैनेजमेंट यूनिट के तहत 25 तैयार कर लिए है। हमीरपुर जिला में इसे कंप्लीट कर दिया है, जबकि किन्नौर में दो, कांगड़ा में तीन यूनिट स्थापित हो चुके हैं। बिलासपुर, चंबा, सिरमौर, ऊना व शिमला में मशीनरी के टेंडर कॉल कर दिए है। यानी अब हर ब्लॉक में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगने से जहां कूड़े कचरे का सही ढंग से निस्तारण होगा, वहीं यह कचरा सडक़ निर्माण में प्रयोग में लाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों को मॉडल बनाकर उनमें ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट एवं मलीय कचरा प्रबंधन जैसे कार्य करवाए जाएंगे। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने के लिए सबसे पहले जगह का चयन किया जाता है। इसके बाद शैड व संयंत्र चयन का कार्य किया है और फिर संयंत्र के लिए टेंडर कॉल किए जाते है।
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग निदेशक के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 88 ब्लॉकों में से 25 यूनिट तैयार कर लिए है, जबकि अन्यों का काम जोरों पर है। कई जिलों में इसका निर्माण पूरा हो गया है, जबकि कई जिलों में इसके लिए टेंडर कॉल कर दिए है।
संयंत्र में बेल्डर, शैडर और मिट्टी हटाने वाली मशीन शामिल होती है। सबसे महत्त्वपूर्ण इसके लिए बिजली का कनेक्शन लेना अनिवार्य होता है, ताकि यह यूनिट पूरी तरह से काम कर सके। बताया जाता है कि एक यूनिट पर करीब 16 लाख रुपए खर्च होते है। राज्य सरकार ने अपने बजट में भी प्रत्येक ब्लॉक में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट के स्थापना का प्रावधान किया है, जिसे लेकर विभाग मुस्तैद हो गया है।