हिमाचल के डिग्री कालेजों में अब 2018 के यूजीसी रेगुलेशन को लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने ज्वाइंट डायरेक्टर हायर एजुकेशन डा. हरीश कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में ज्वाइंट डायरेक्टर हायर एजुकेशन डाक्टर एनएल शर्मा को चेयरमैन होंगे, जबकि चार अन्य सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं। इनमें गवर्नमेंट डिग्री कालेज जुखाला के प्रिंसीपल डाक्टर ध्रुवपाल सिंह, दाड़लाघाट गवर्नमेंट कालेज की प्रिंसीपल डा. रुचि रमेश, ओएसडी कालेज डा. गोपाल शंघाईक और सुन्नी डिग्री कालेज के प्रिंसीपल डा. आरएल शर्मा शामिल हैं। यह कमेटी राज्य सरकार को इस बारे में रिपोर्ट देगी और संभावित बदलावों को लेकर भी सुझाव दिए जाएंगे। यूजीसी रेगुलेशन 2018 के आने के बाद इन्हें प्रदेश विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है, लेकिन अभी डिग्री कालेजों में इन्हें लागू करना बाकी है। डिग्री कालेज में अब भी 2012 के रेगुलेशन के अनुसार ही काम चल रहा है और भर्तियां हो रही हैं। नया रेगुलेशन लागू होने के बाद भर्ती एवं पदोन्नति नियम भी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए बदल जाएंगे।
नए रेगुलेशन में सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एपीआई यानी एकेडमिक परफार्मेंस इंडिकेटर और रिसर्च पर ज्यादा फोकस होगा। पहले सेमिनार इत्यादि के आयोजन के साथ जरूरी योग्यता पूरी कर ले जाती थी, जो अब प्रक्रिया बदल जाएगी। नए रेगुलेशन में कैंपिंग का भी प्रावधान है, ताकि सभी सेक्टर में कालेज टीचर की प्रगति हो। हाल ही में हुई प्रिंसीपल कान्फे्रंस में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस रेगुलेशन पर आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग और शिक्षा सचिव को निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार के समक्ष एक और बात सामने आई है कि सरकारी अनुदान प्राप्त डिग्री कालेजों में कालेज टीचर्स की रिटायरमेंट की आयु सरकारी कालेज से ज्यादा है। इस प्रक्रिया को सरकार बदलने जा रही है। यदि राज्य सरकार से ग्रांट लेनी है, तो सरकारी डिग्री कालेज के अनुसार ही रिटायरमेंट की आयु होगी। गौरतलब है कि हिमाचल में पांच प्राइवेट कालेज सरकारी अनुदान से चल रहे हैं और इनमें अभी 6042 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।