हिमाचल प्रदेश में हिम उन्नति योजना के तहत अब तक प्रदेश में 889 कलस्टर चिन्हित कर लिए गए है। हालांकि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत कुल 2603 कलस्टर चिन्हित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत प्रदेश की 58,278 बीघा भूमि को शामिल किया जाएगा। इससे 28,873 परिवार लाभान्वित होंगे। कृषि एवं अन्य संबंध क्षेत्रों से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एकीकृत कार्य योजना बनाकर कार्य करना सुनिश्चित किया जा रहा है। कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिमाचल अनुकूल जलवायु, समृद्ध मृदा और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। प्रदेश की अधिकतर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है।
प्रदेश सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘हिम उन्नति’ के अंतर्गत प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार कृषि की लागत कम करने, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और उपभोक्ताओं के लिए रसायन मुक्त स्वस्थ खाद्यान्नों का उत्पादन करने के लिए किसानों को सुभाष पार्लेकर प्राकृतिक खेती पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वर्तमान में प्रदेश की 3611 पंचायतों के 1,65,221 किसान सफलतापूर्वक प्राकृतिक खेती कर रहे है।
प्रदेश सरकार, राज्य में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों की उत्पादकता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, आदर्श भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के माध्यम से इन फसलों की गुणवत्ता स्वाद और पोषण मूल्य को बढ़ाकर मूल्यवर्धन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शीघ्र खराब होने वाली उपज के लिए प्रशीतित वैन, आपूर्ति श्रृंखला और विपणन को मजबूत करने पर भी बल दिया जा रहा है।