हिमाचल सरकार ने विशेष रिलीफ पैकेज के तहत लोगों को राहत राशि के भुगतान के साथ ही राज्य के दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विभागों लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को भी पैसा जारी कर दिया है। इन विभागों को कुल 770 करोड़ लेटर ऑफ क्रेडिट यानी एलओसी के जरिए जारी किए गए। यह लेटर ऑफ क्रेडिट अक्टूबर से दिसंबर तक की तीसरी तिमाही का है। इस धनराशि में लोक निर्माण विभाग को 600 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 170 करोड़ मिले हैं। नई बात यह है कि इस बार पहली बार वर्क्स के तहत दिए जाने वाले पैसे को मेंटेनेंस एंड रिहैबिलिटेशन में ही खर्च करना होगा।
राज्य सरकार ने विशेष रिलीफ पैकेज के तहत यह शर्त इस बार एलओसी में लगाई है। इस धनराशि में जो पैसा नाबार्ड या सीआरएफ जैसे प्रोजेक्टों का है, वह नहीं बदला जाएगा। लेकिन मेंटेनेंस और वर्क्स का पैसा सिर्फ पुनर्वास कार्यों में ही खर्च होगा। दोनों ही विभागों को इस शर्त के साथ ही यह पैसा खर्च करना है। इससे पहले राज्य सरकार ने स्पेशल रिलीफ पैकेज आपदा प्रभावितों के लिए जारी किया था और अभी जारी हुआ लेटर ऑफ क्रेडिट इसी पैकेज का हिस्सा है।
यह लेटर ऑफ क्रेडिट मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग अपने रूटीन काम अब जारी रख सकेंगे और नए कार्यों को लेकर टेंडर भी लगा सकेंगे। वर्तमान सरकार के समय यह पहली बार है कि लेटर ऑफ क्रेडिट के साथ कुछ शर्तें लगाई गई हैं। आपदा का विशेष राहत पैकेज बनाते समय प्लानिंग विभाग के सुझाव पर यह शर्त लगाई गई थी। राज्य सरकार ने दो रोज पहले ही प्रधान सचिव वित्त के पद पर बदलाव किया है और मनीष गर्ग की जगह अब देवेश कुमार वित्त विभाग को संभाल रहे हैं। नए फाइनेंस सेक्रेटरी के आने के बाद बजट की यह पहली मेजर एलोकेशन है।