इजरायल और हमास में चल रहे युद्ध के बीच सऊदी अरब के खुफिया प्रमुख प्रिंस तुर्की अल-फैसल ने बड़ा दावा किया है. फैसल ने कहा है कि इजरायल गाजा पट्टी को नियंत्रित करने वाले फलीस्तीनी चरमपंथी समहू को कतर की करेंसी पहुंचाता है. सऊदी अरब के खुफिया प्रमुख का यह आरोप इसलिए भी हैरान करने वाला है कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने ही इजरायल पर भयावह हमला किया, जिसमें अब तक दोनों तरफ के हजारों लोगों की मौत हो चुकी है.
बता दें कि अल-फैसल का इजरायल के खिलाफ आरोप रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है. इससे पहले रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में फलस्तीनी परिवारों को कतर की वित्तीय सहायता इजरायल से होकर गुजरती है. धनराशि को कतर से इजरायल तक इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्थानांतरित किया जाता है, जिसके बाद इजरायली और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अधिकारी इसे सीमा पार गाजा पट्टी तक ले जाते हैं. हालांकि इसके पीछे के मकसद के बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया.
सऊदी खुफिया प्रमुख ने जारी संघर्ष के लिए इजरायल और हमास दोनों की निंदा करते हुए कहा कि स्थिति में कोई नायक नहीं हैं, बल्कि केवल पीड़ित हैं. उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि नागरिकों के खिलाफ उनके कृत्यों के कारण इजरायल और हमास की निंदा की जानी चाहिए, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फलस्तीनियों को इजरायल के सैन्य कब्जे का विरोध करने का अधिकार हैं.
प्रिंस तुर्की अल-फैसल ने हमास द्वारा मारे गए इजरायलियों पर आंसू बहाने के लिए पश्चिमी देशों की भी निंदा की. साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि इजरायली सेना द्वारा मारे गए फलस्तीनियों पर कोई आंसू नहीं बहा रहा है, यह बेहद ही दुखद है. अमेरिका और ब्रिटेन में राज्य के शीर्ष राजनयिक के रूप में काम कर चुके प्रिंस तुर्की ने कहा कि सैन्य रूप से कब्जे वाले सभी लोगों को अपने कब्जे का विरोध करने का अधिकार है.
गौरतलब है कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने गाजा सीमा पार करके इजरायली बस्तियों में प्रवेश किया. इस दौरान सैनिकों और नागरिकों सहित एक हजार से अधिक इजरायलियों को मार डाला. इस हमले के बाद इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है और तब से उसने गाजा पर हजारों बम बरसाए हैं, जिसमें 3,000 से अधिक नागरिक मारे गए हैं, जिसमें एक अस्पताल पर हमला भी शामिल है जिसमें मंगलवार को 500 से अधिक लोग मारे गए.