मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटक बसों, टैंपो ट्रेवलर व वाणिज्यिक पर्यटक वाहनों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को कम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एसआरटी के दृष्टिगत हाल ही में जारी की गई अधिसूचना को संशोधित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह बात ओक ओवर में शिमला होटल्ज एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से भेंट के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शीघ्र ही होम-स्टे नीति लाने जा रही है। प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है और सैलानियों की सुविधा के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए शीघ्र ही टूरिस्ट हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी और इसे 1100 हेल्पलाइन से जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सड़क सम्पर्क के साथ-साथ हवाई सेवाएं भी सुदृढ़ की जा रही हैं। सभी जिलों को हेलीपोर्ट से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिमला में एक और हेलीपोर्ट के निर्माण पर भी विचार कर रही है। पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने से ही राज्य में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा और प्रति वर्ष 5 करोड़ पर्यटकों की आमद का लक्ष्य पूर्ण हो पाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों में पर्यटकों का अधिक दिन तक ठहराव हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है। इसी दिशा में अनेक नवोन्मेषी पहल की जा रही हैं। प्रदेशवासियों और पर्यटकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए चरणबद्ध तरीके से यू.वी./अल्ट्रा फिल्टरेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। सीएम सुक्खू ने पर्यटन व्यवसायियों से आग्रह किया कि वे पर्यटन गतिविधियों में विद्युत चालित वाहनों का उपयोग सुनिश्चित कर प्रदेश को हरित राज्य बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। शिमला होटल्ज एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र सेठ ने मुख्यमंत्री को अपनी विभिन्न मांगों से अवगत करवाया।