हिमाचल प्रदेश में हुए 250 करोड़ रुपये के स्कॉलरशिप घोटाले में ED ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने 6.25 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इसमें मोहाली और शिमला में 5 आवासीय प्लाट और 14 बैंक खाते शामिल हैं. इन्हें अस्थाई रूप से जब्त कर लिया है. इसमें 75 लाख नकद और 2 करोड़ 55 लाख रुपये के बैंक खातों का पता लगाया है. बता दें कि ED ने अगस्त में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. ऊना के पडोंगा में कार्रवाई की गई है.
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आवासीय भूखंडों, फ्लैट और 14 बैंक खातों में जमा राशि जब्त की गई. बयान के मुताबिक, जब्ती की यह कार्रवाई पंजाब के मोहाली और हिमाचल प्रदेश के शिमला में की गई. धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक आदेश जारी करने के बाद कार्रवाई की गई.बयान में कहा गया कि कुल 6.25 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति राज्य के एएसएएमएस शिक्षा समूह के साझेदार राजदीप सिंह और कृष्ण कुमार की है. आपको बता दें कि ईडी छात्रवृत्ति घोटाले में CBI शिमला की ओर से दर्ज FIR के आधार पर जांच की जा रही है. ED की जांच के दौरान पता चला है कि कृष्ण कुमार और राजदीप सिंह ने मेसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश किए गए थे और इसी के आधार पर एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृति मांगी गई थी.
वहीं, दावों को उच्च शिक्षा निदेशालय में तैनात अरविंद राजटा ने सत्यापित किया था. 31 अगस्त को कृष्ण कुमार और राजदीप सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के उपाध्यक्ष हितेश गांधी सहित चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में है. इससे पहले साल 2022 में कार्रवाई करते हुए 4.42 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई थी. अब तक कुर्क की गई संपत्ति की कुल आय 10.67 करोड़ रुपये है.