हमास हमले के बाद से फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की टेंशन बढ़ गई है. यूरोपीय देशों को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की है. अल्बानिया दौरे पर गए प्रेसिडेंट मैक्रों ने कहा है कि सभी यूरोपीय देश असुरक्षित हैं. दो दर्जन से ज्यादा देशों पर इस्लामिक आतंकवाद का खतरा है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमनुएल मैक्रों ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दो दर्जन से ज्यादा यूरोपीय देशों पर इस्लामिक आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा है. ये सभी इस समय खतरे में हैं. अल्बानिया दौरे के दौरान प्रेसिडेंट मैंक्रों ने यह बात कही. बता दें कि पिछले दिनों फ्रांस में एक टीचर की हत्या कर दी गई थी. उधर, बेल्जियम में दो फुटबॉल फैंस को मौत के घाट उतार दिया गया.
पेरिस में एक फ्रेंच एंटी टेररिज्म प्रोसेक्यूटर ने मंगलवार को कहा कि 13 अक्टूबर को उत्तरी शहर अर्रास में 20 साल के एक शख्स ने एक स्कूल टीचर की चाकू मारकर हत्या कर दी और तीन अन्य को घायल कर दिया था. जिस शख्स ने इस घटना को अंजाम दिया, वह इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ था.
वहीं, इस घटना के एक दिन बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि टीचर की हत्या करने वाला शख्स वीडियो जारी कर खुद को इस्लामिक स्टेट का बता रहा था. इसके साथ ही उसने एक ऑनलाइन वीडियो में बेल्जियम में दो स्वीडन के फुटबॉल फैंस की भी जिम्मेदारी ली. तिराना में अल्बानियाई प्रधानमंत्री एडी राम के साथ बातचीत के बाद मैक्रों ने कहा कि सभी यूरोपीय देश असुरक्षित हैं. वास्तव में इस्लामी आतंकवाद का पुनरुत्थान हो रहा है.
बता दें फ्रांस में बड़ी संख्या में यहूदी रहते हैं. इजराइल पर हमास के हमले के बाद से ही फ्रांस बिल्कुल अलर्ट मोड पर है. यहूदियों से नफरत के 200 से अधिक मामले दर्ज किए. 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शहरों की सड़कों पर पुलिस गश्त कर रही है. दरअसल, बीते कुछ साल में फ्रांस ने बड़ी संख्या में मुस्लिम शरणार्थियों को आश्रय दिया गया है.
बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह इजराइल पर अचानक हमला कर दिया था. इस हमले से इजराइल में 1400 से ज्यादा लोगो की मौत हो गई जबकि सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए. हमास के हमले के बाद इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई की. जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने गाजापट्टी में ताबड़तोड़ हमले किए. पूरे गाजा को इजराइल ने नेस्तनाबूत कर दिया. जंग अभी भी जारी है.