इजरायल और हमास के बीच पिछले 12 दिनों से युद्ध जारी है, जिसमें करीब पांच हजार लोगों की मौत हो गई। इस बीच गाजा के अस्पताल में विस्फोट हो गया, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई। हमले के तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक ट्वीट किया था, जिसे बाद में हटा दिया गया। अब ट्वीट हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस हमले का आरोप दोनों ही एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं। एक तरफ इजरायल हमास पर आरोप लगा रहा तो वहीं फिलिस्तीन राजदूत ने नेतन्याहू को झूठा बताया है।
दरअसल, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को उस पोस्ट को हटा दिया था, जिसमें नेतन्याहू ने कहा था कि यह संघर्ष अंधेरे और रोशनी के बच्चों के बीच है। यह इंसानियत और जंगलराज के बीच लड़ाई है। हालांकि, यह पोस्ट विधानसभा में नेतन्याहू की टिप्पणी से था, जो रिकॉर्ड में है।
गौरतलब है, गाजा पट्टी में स्थित अल-अहली अरब अस्पताल में विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 500 लोगों की जान चली गई। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अगर इस हमले की पुष्टि हो जाती है, तो यह हमला 2008 के बाद से लड़े गए पांच युद्धों में अब तक का सबसे घातक इजरायली हवाई हमला होगा।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को ट्वीट कर हमास पर अस्पताल पर हुए हमले का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अस्पताल में हमारे हाथ कई स्रोतों से खुफिया जानकारी मिली है कि असफल रॉकेट प्रक्षेपण के लिए इस्लामिक जिहाद ही जिम्मेदार है। यह बात पूरी दुनिया को पता चलना चाहिए कि बर्बर आतंकवादियों ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया है न कि इजरायली सुरक्षा बलों ने। आंतकियों ने हमारे बच्चों की हत्या तो की ही साथ ही उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या की।
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के प्रवक्ता ताल हेनरिक ने कहा कि इजरायली सेना अस्पतालों को निशाना नहीं बनाती। हम सिर्फ और सिर्फ हमास के आतंकियों के बिलों, हथियार भंडार और उनके ठिकानों पर ही हमले कर रहे हैं।
वहीं, इजरायली पीएम नेतन्याहू के इस बयान पर संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन राजदूत रियाद मंसूर ने पलटवार किया है। उन्होंने नेतन्याहू को झूठा बताया। कहा, ‘वह झूठे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि इजरायल ने यह सोचकर हमला किया कि अस्पताल के आसपास हमास का ठिकाना था। फिर उन्होंने वह ट्वीट हटा दिया। हमारे पास उस ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट है।’
मंसूर ने आगे कहा, ‘अब उन्होंने फलस्तीनियों को दोषी ठहराने की कोशिश करने के लिए कहानी बदल दी है। सेना के इजरायली प्रवक्ता ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पतालों को खाली करो। उनका इरादा खाली कराना था या अस्पतालों पर हमला करने का। वे इस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं और वे इससे नहीं मानने के लिए कहानियां नहीं गढ़ सकते।’