हिमाचल प्रदेश में दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों पर तैनात किए जाने के मामले को हाई कोर्ट ने बंद कर दिया है। अदालत ने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों की तैनाती और पदोन्नति के व्यापक क्षेत्र में हस्तक्षेप करना अदालत के लिए वांछनीय नहीं है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि जो अधिकारी जनहित याचिका में पक्षकार नहीं हैं, उनकी प्रतिष्ठा और करियर पर असर पड़ सकता है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया। बता दें कि दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों पद तैनात किए जाने पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था।