हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नियमों के विपरीत स्टोन क्रशर को चलाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कांगडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत जनयानकड द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश पारित किए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि उक्त पंचायत के जटेड गांव में मैसेज कृष्णा स्टोन क्रशर स्थानीय निवासियों के घरों से मात्र 345 मीटर पर स्थापित किया जाना है। यह दूरी पटवारी द्वारा सत्यापित की गई है, जबकि नियमों के अनुसार यह स्टोन क्रशर घरों से 500 मीटर की अधिक दूरी पर ही स्थापित किया जाना चाहिए।
इतना ही नहीं, इस क्रशर को स्थापित करने से पूर्व वहां के स्थानीय निवासियों से किसी भी तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर स्टोन क्रशर को चलाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। मामले पर सुनवाई 22 नवंबर, 2023 को होगी। कोर्ट ने मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार, उद्योग विभाग के निदेशक, एसडीएम कांगड़ा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधीश कांगड़ा व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 22 नवंबर तक याचिका का जवाब दाखिल करने को कहा।