वर्ल्ड कप 2023 में बीती रात एक बड़ा उलटफेर हुआ है. नीदरलैंड्स की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 38 रन से शिकस्त दे डाली है. यह इस वर्ल्ड कप का दूसरा उलटफेर रहा है. इससे पहले अफगानिस्तान ने 15 अक्टूबर को खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड को मात दी थी. इन दो मुकाबलों ने ठंडे-ठंडे अंदाज में आगे बढ़ रहे वर्ल्ड कप को एकदम से गर्मी दे डाली है. इन दो मुकाबलों के नतीजों ने एक बार फिर बता दिया है कि क्रिकेट के खेल में कोई टीम छोटी-बड़ी नहीं होती है.
इंग्लैंड पर अफगानिस्तान की जीत का शोर अभी थमा भी नहीं था कि नीदरलैंड्स की दक्षिण अफ्रीका पर जीत ने वर्ल्ड कप में रोमांच ला दिया है. अब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल की रेस आसान नहीं रहने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि अफगानिस्तान और नीदरलैंड्स दो ऐसी टीमें हैं जो टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली नौ बड़ी टीमों के खिलाफ कम ही मुकाबले खेल पाती है. यह दोनों टीमें इस वर्ल्ड कप की सबसे कमजोर टीमें भी हैं. आईसीसी वनडे रैंकिंग्स में इनका स्थान क्रमशः नौवां और चौदहवां है.
टी20 क्रिकेट में तो यह टीमें पहले भी उलटफेर कर चुकी हैं लेकिन जैसे-जैसे क्रिकेट का फॉर्मेट बड़ा होता जाता है तो छोटी टीमों के लिए बड़ी टीमों पर जीत आसान नहीं होती लेकिन अफगानिस्तान और फिर नीदरलैंड्स ने तीन दिनों के भीतर दो उलटफेर कर सारे कयासों को दूर कर दिया है. इंग्लैंड को इस बार फिर से वर्ल्ड कप फेवरेट टीम के तौर पर गिना जा रहा था लेकिन अफगानिस्तान ने उसे आईना दिखा दिया. इसके बाद इस वर्ल्ड कप में एकतरफा मुकाबले जीत रही दक्षिण अफ्रीका की गत नीदरलैंड्स ने ऐसी बिगाड़ी है कि उसके लिए फिर से आत्मविश्वास हासिल कर पाना आसान नहीं होगा.
वर्ल्ड कप 2023 में सभी टीमें अब तक 3-3 मुकाबले खेल चुकी हैं. इनमें से 9 टीमों को कम से कम एक जीत मिली है. यानी किसी भी टीम को सेमीफाइनल की रेस से बाहर नहीं समझा जा सकता. अगर श्रीलंका, नीदरलैंड्स या अफगानिस्तान इस रेस में पिछड़ती भी हैं तो इन टीमों ने अपने अभी तक के खेल से यह तो साबित कर दिया है कि ये इस टूर्नामेंट्स में एक-दो और उलटफेर कर अन्य टीमों का गणित जरूर बिगाड़ सकती हैं.
नीदरलैंड्स ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए एक समय महज 112 रन के कुल योग पर 6 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन यहां से स्कॉट एडवर्ड्स ने कप्तानी पारी खेली और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर नीदरलैंड्स को निर्धारित 43 ओवर में 245 रन तक पहुंचा दिया. इसके बाद बाकी का काम डच गेंदबाजों ने कर दिखाया. नीदरलैंड्स ने शुरुआत से ही कसी हुई गेंदबाजी की और नियमित अंतराल में विकेट झटकते रहे. नतीजा यह हुआ कि प्रोटियाज टीम 207 रन पर ऑल आउट हो गई.