सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर वैधता देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत के फैसले से कहा कि इस तरह की अनुमति सिर्फ कानून के जरिए ही दी जा सकती है और कोर्ट विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उनकी राय में संसद को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले में फैसला करना चाहिए। बेंच ने साफ कर दिया कि ये मामला स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के दायरे में ही रहेगा।