इजराइल-हमास युद्ध का आज 11वां दिन है. इससे पहले देर रात संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में गाजा में जारी हिंसा पर लाया गया रूस का प्रस्ताव खारिज हो गया. रूस के इस प्रस्ताव में गाजा में आम नागरिकों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हुए युद्धविराम की मांग की गई थी, लेकिन इसमें हमास द्वारा इजराइली नागरिकों पर किए गए बर्बर हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया था. ऐसे में पश्चिमी देशों ने रूस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पास होने के लिए 9 वोटों की जरूरत थी लेकिन प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ चार देशों ने मतदान किया. वहीं चार देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया. रूसी प्रस्ताव के समर्थन में जिन देशों ने वोट किया, उनमें चीन, यूएई, मोजाम्बिक और गैबोन शामिल हैं. वहीं, प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और फ्रांस शामिल हैं. 6 अन्य देश इस मतदान में शामिल ही नहीं हुए.
वहीं, अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रूस के इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि रूसी प्रस्ताव में हमास का जिक्र ही नहीं है जबकि हमास ने इजराइल पर हमला यहूदियों को तबाह करने की नीयत से किया. रूस हमास की निंदा नहीं कर रहा, बल्कि इस आतंकी संगठन के बर्बर कृत्य का बचाव कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमास के हमले की वजह से ही गाजा में यह गंभीर मानवीय संकट पैदा हुआ है. अमेरिकी राजदूत ने गाजा में जारी हिंसा की भी निंदा की लेकिन ये भी कहा कि आतंकी हमले का जवाब देना इजराइल का अधिकार है.
बता दें कि 7 अक्तूबर को फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजराइली सीमा में घुसकर 1400 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. वहीं, इजरायल के जवाबी हमले में अब तक गाजा पट्टी में 2750 के करीब लोगों की जान जा चुकी है.