राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार ने इंतकाल के 22000 लंबित केसों के निपटारे के लिए 30 और 31 अक्तूबर को इंतकाल अदालतें चलाने का फैसला लिया है। अदालतों में इंतकाल के लंबित के मामलों निपटारा किया जाएगा। उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार पर तंज करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने जन मंच कार्यक्रम को लंच मंच कार्यक्रम बना दिया और इन कार्यक्रमों में लोगों की झंड की जाती थी।
धन का भारी मात्रा में दुरुपयोग किया गया। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आखिर क्यों इंतकाल के इतने मामले लंबित हैं। जनमंच के दौरान इन मामलों का निपटारा पूर्व सरकार ने क्यों नहीं किया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक कोई राहत हिमाचल प्रदेश को नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 10 महीनो में ही विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है।
ऐसे में अब विपक्ष का शीर्ष नेतृत्व अनाप-शनाप बयान बाजी कर रहा है। विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान नहीं की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने संसाधनों का सही तरीके से प्रयोग करते हुए आपदा प्रभावितों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है, जबकि भाजपा की सरकार 75000 करोड़ का कर्ज छोड़ गई है।