इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। लेकिन इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की है। पुतिन ने कहा कि रूस इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच टकराव को खत्म करने में मदद करने को तैयार है। इसके अलावा राजनीतिक और राजनयिक माध्यमों से शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में काम करने के वह इच्छुक हैं। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा, ‘व्लादिमीर पुतिन ने नेतन्याहू को स्थिति को सामान्य बनाने, हिंसा को बढ़ने से रोकने और गाजा पट्टी में मानवीय तबाही को रोकने के लिए रूस की ओर से उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया।’
क्रेमलिन ने कहा कि इससे पहले सोमवार को पुतिन ने ईरान, मिस्र, सीरिया और फिलिस्तीनी नेताओं से युद्ध को लेकर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नागरिकों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है। रूस का ईरान और प्रमुख अरब शक्तियों के साथ संबंध है। इसके अलावा उसका इजरायल से भी संबंध है। पुतिन ने बार-बार कहा है कि इस तनाव के पीछे अमेरिका है। हमास और इजरायल के बीच युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन ने कहा था कि यह अमेरिका के फेलियर का उदाहरण है।
हमास के घातक हमले के बाद इस आतंकवादी संगठन के सरगना के खात्मे के लिए इजराइल की ओर से जमीनी आक्रमण किए जाने की आशंका के मद्देनजर गाजा पट्टी में 10 लाख से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं। सहायता समूहों ने चेतावनी दी है कि इजराइल के जमीनी हमले से मानवीय संकट बढ़ सकता है। अमेरिकी युद्धपोतों की मदद से इजराइली बल गाजा सीमा पर तैनात हो गए हैं और उन्होंने युद्धाभ्यास किया जिसे इजराइल ने बताया कि यह आतंकवादी समूह को मटियामेट करने के लिए एक बड़ा अभियान होगा। एक सप्ताह से लगातार किए जा रहे हवाई हमलों से गाजा पट्टी में कई इमारतें जमींदोज हो गयी हैं लेकिन इससे इजराइल पर आतंकवादियों के रॉकेट हमले नहीं रुके हैं।
सात अक्टूबर को शुरू हुआ यह युद्ध दोनों पक्षों के लिए गाजा के पांच युद्धों में से सबसे भीषण है जिसमें दोनों ओर के 4,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 2,750 फलस्तीनियों की मौत हो गयी है तथा 9,700 घायल हैं। इजराइल के अनुसार, उसके 1,400 से अधिक नागरिकों की मौत हो गयी है तथा बच्चों समेत कम से कम 199 अन्य नागरिकों को हमास ने बंधक बनाया है तथा उन्हें गाजा ले गया है। अभी गाजा में संयुक्त राष्ट्र के शिविरों में पानी की आपूर्ति बंद कर दी गयी है और क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सकों को मरीजों का इलाज करने में भारी समस्याएं आ रही हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि जेनरेटरों में ईंधन खत्म होने के बाद इन मरीजों की मौत हो जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन आने वाले दिनों में इजराइल यात्रा पर विचार कर रहे हैं लेकिन अभी यात्रा की कोई पुष्टि नहीं की गयी है।