हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में लोग इलेक्ट्रिक कचरे को जमा करवा सकते है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रदेश में 21 अक्तूबर तक प्रदेश में ई-कचरा मुक्त अभियान चलाया जा रह है। इस अभियान के तहत प्रदेश भर में बोर्ड के 11 क्षेत्रीय कार्यालय में ई कचरे के संग्रह के लिए एक कियोस्क खोला जाएगा। यहां पर ई कचरा संग्रहित किया जाएगा। इसी कड़ी में बोर्ड के अयक्ष संजय गुप्ता ने राज्य प्रदूषण बोर्ड के मुख्य कार्यालय से ई कचरे के संग्रह के लिए मोबाइल वैन भी हरी झंडी दिखाई है। यह वैन शिमला शहर के विभिन्न क्षेत्रों से ई कचरे को संग्रहित करेगी। बोर्ड द्वारा सोमवार को चरण-3, राज्य बोर्ड के मुख्यालय भवन, बीसीएस, न्यू शिमला, खलीनी व डीसी कार्यालय शिमला में ई कचरा एकत्र किया है। मंगलवार को डीसी कार्यालय संग्रह कियास्क स्थापित किया जाएगा।
18 अक्तूबर को सचिवायल में संग्रह कियास्क स्थापित होगा। 19 अक्तूबर, को कनलोग, खलीनी, छोटा शिमला, संजौली, ढल्ली, भट्टाकुफ्फर, 20 अक्तूबर को पंथाघाटी, कुसुम्पटी, विकासनगर, मैहली, मल्याणा, 21 अक्तूबर-फागली, टूटी कंडी, चक्कर, टूटू-तारा देवी में संग्रह कियास्क स्थापित होगा। मोबाइल वैन 17 अक्तूबर को पूरे दिन डीसी शिमला में और 18 अक्तूबर को पूरे दिन एचपी सचिवालय, छोटा शिमला में तैनात रहेगी। इसके अलावा उपभोक्ता/जनता अपना ई-कचरा हमारे 11 क्षेत्रीय कार्यालय बद्दी, बिलासपुर, मंडी, शिमला, रामपुर, परवाणु, धर्मशाला, ऊना, पांवटा साहिब, कुल्लू और चंबा में 16 अक्तूबर से 21 अक्तूबर 2023 तक अवधि के दौरान जमा कर सकते है।
संजय गुप्ता ने बताया कि बोर्ड के सभी क्षेत्रीय सभी कार्यालय अपने-अपने कार्यालय में कियोस्क खोलेंगे और ई-कचरा 21 अक्तूबर 2023 के दौरान सुबह दस से शाम पांच बजे तक जमा किया जा सकता है। ई-कचरे के लिए समर्थन मूल्य के रूप में एक राशि तय की गई है। मसलन स्मार्ट मोबाइल फोन के लिए 20 रुपए, कीपैड फोन के लिए पांच रुपए प्रति, लैपटॉप के लिए रुपए 120 और कम्प्यूटर के लिए 150 रुपए निर्धारित किया है। और अन्य प्रकार के ई-कचरे के लिए 15 रुपए निर्धारित किया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि ई-कचरा दुनिया में सबसे तेजी से बढऩे वाली अपशिष्ट धाराओं में से एक है। जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ई-कचरे की मात्रा भी बढ़ती जा रही है। ई-कचरे में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक उपकरण शामिल है जो अब उपयोग में नहीं है या अपने जीवन चक्र के अंत तक पहुंच गया है। ई-कचरे में वृद्धि पर्यावरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण खतरा पैदा करती है, ई-कचरेमें मुख्य रूप से सीसा, कैडमियम, पारा और ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट विषाक्त पदार्थों के कारण, जिनका उचित निपटान नहीं होने पर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।