देश मे पहली बार 10,500 फुट की ऊंचाई पर ड्रोन की मदद से अस्पतालों में मेडिसिन पहुंचाई जाएगी। सर्दियों में बर्फबारी के बाद सड़के अवरुद्ध हो जाने से जनजातीय इलाकों के गांव आपस में कट जाते हैं। ऐसे हालात में यह ड्रोन मरीजों के लिए बेहद मददगार साबित होंगे इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च देश मे पहली बार 10,500 फुट की ऊंचाई लाहुल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रोन की मदद से मेडिसन और जरूरी वैक्सीन पहुंचाई जाएगी।
फिलहाल ड्रोन की नियमित सेवा शुरू करने से पहले केलांग में इसका ट्रायल चल रहा है। दरअसल लाहुल-स्पीति में सर्दियों में बर्फबारी होने से मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण कई गांव जिला मुख्यालय से कट जाते हैं। ऐसी विपरीत स्थित में मरीज तक जरूरी मेडिसन और वैक्सीन पहुंचाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन जाता है, लेकिन अब ड्रोन की मदद से विपरीत हालात में भी आसानी से मरीज तक दवाइयां पहुंच सकेंगी।
ड्रोन की हालांकि जमीन से 400 फुट ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता है, जबकि इसमे लगी बैटरी लगभग डेढ़ घंटे का बैकअप देती है, लेकिन आईसीएमआर को 150 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने की अनुमति है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक कुलदीप निगम ने बताया कि ट्रायल कामयाब होने के बाद घाटी में सर्दियों के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिसिन और वैक्सीन पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। उधर, लाहुल-स्पीति के लोगों ने आईसीएमआर की इस ड्रोन सेवा का स्वागत किया है।