शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है. जिनकी कुंडली में चन्द्रमा कमजोर होता है, उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत मंगलकारी मानी जाती है.
नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. सुबह 10.17 बजे से सुबह 11.58 बजे तक अमृत काल रहेगा. फिर सुबह 11.44 बजे से दोपहर 12.29 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. पूजा के लिए ये दोनों ही मुहूर्त श्रेष्ठ हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करें. मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें. जैसे कि मिसरी, शक्कर या पंचामृत. ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है. वैसे मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करना उत्तम माना जाता है. देवी की उपासना वाले दिन जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए.