जैसा की आप जानते है करोना काल में देश का हालत बहुत ही ख़राब था. कहने का मतलब यह हुआ की देश में रहने वाले व्यक्ति दाने-दाने के मोहताज थे. ऐसे में सबसे ज्यादा देश में रह रहे किसानों को ज्यादा परेशान होना पड़ा.
क्यूंकि घर में स्टोर किये गए खाने की वास्तु बिक नहीं रही थी. यहाँ तक की सभी प्रोडक्ट का दाम बढ़ने लगा. खाने से लेकर परिवहन तक सभी वस्तुए महँगी होने लगी. इसके बाद सरकार द्वारा एक अहम फैसला लिया गया. इस फैसले की तहत किसानों द्वारा उपजाए गए फल, शब्जियों को ऑपरेशन ग्रीन योजना से जोड़ दिया गया है. ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके.
जब शुरुआत में ऑपरेशन ग्रीन योजना की शुरुआत हुई तो टमाटर , प्याज, आलू को शामिल किया गया. इसके बाद शब्जियों को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन शुरू किया गया है.
इससे यह होगा की आपको सही दाम मिल सकेगा. कहने का मतलब यह है की आप सभी को सही रेट से खाघ पदार्थों का दाम मिल सके. इसके साथ ट्रांसपोर्ट पर भी सरकार का योगदान बढियां रहा. इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश से 2001 में किया गया था. जिसका उद्देशय यह था की इस योजना से किसकों को बेहद लाभ मिलेगा. इसके साथ कृषि से होने वाले उत्पादनों को शामिल किया गया. जिसका लाभ किसानों को दिया जाये. वहीं प्रोडक्ट्स की बात करें तो आपको बता दूँ. आलू , टमाटर और प्याज ही शामिल किया गया था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. इस योजना के अंतर्गत बहुत सारे उत्पादन को इकठ्ठा किया गया.
यदी की किसी का फसल खराब हो जाये तो इस स्थिति में ऑपरेशन ग्रीन के तहत लाभ दिए जायेंगे. कभी – कभी फसलों के रेट में उतराव चढ़ाव होता है इस स्थिति में ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत कीमत को एक जैसा रखा जाता है ताकि किसको को फायदा मिल सके. फसल उगने के बाद किसी को कीमत कम न मिले , इससे बचने के लिए इस योजना को इस्तेमाल करना चाहिए. पहले के अपेक्षा आलू, प्याज , टमाटर के दामों में वृद्धि किया गया जिसके अंतर्गत किसकों को लाभ प्राप्त हो सके. फसल को उचित दामों पर बेचने के लिए किसको को प्याज , आलू , टमाटर के उत्पादन पर जोड़ दिया गया. इससे यह हुआ की किसानो को दुगनी बढ़ोतरी होने लगी. इस योजना के तहत बहुत सारे कृषि मंडियों का विकाश किया गया ताकि किसानों को अलग – अलग जगह जाने की जरुरत न हो. किसी भी आपदा से फसलों में होनेवाली नुकसान को बचने के लिए किसकों को कुछ जानकारियां दिया गया. ताकि वे फसलों को बचाव कर सके.
सब्सिडी के तहत किसानो को सब्सिडी मिल सकता है. जैसा की किसानों को एक जगह से दुसरे जगह बेचने के लिए जाना होता है. ऐसे में परिवहन पर किसानों को 50 प्रतिशत की लाभ मिले तो उन्हें अधिक फायदा मिल सकता है. कहने का मतलब यह है की किसानों का खर्च में सरकार द्वारा 50 % का खर्च उठाएगी. इस लिए किसानो को फायदा ही फायदा होने वाला है.
ऑपरेशन ग्रीन के तहत सबसे पहले तिन फसलों को शामिल किया गया था, लेकिन अब 18 प्रोडक्ट को इस योजना के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है. कहा जा रहा है की 10 फल और 8 शब्जियों को इस योप्जना के अंतर्गत रखा गया है जिसमें – किसी, केला, संतरा, पपीता, अनार , कटहल, लीची, आम , अमरूद, बैगन, फूलगोभी, भिन्डी, शिमला मिर्च, गाजर और राजमा को शामिल किया गया है. इसके आगे का मिशन यह भी है की इनमे बहुत सारे एनी सब्जियों और फलों को शामिल किये जायेंगे. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का कहना यह है की ऐसा होने से किसानों को फायदे के मिशन तक पहुँचाया जा सकता है.
ऑपरेशन योजना के अंतर्गत अनेकों सरे राज्यों को शामिल किया गया है. जिसके बारे में जानने के लिए निचे दिए गए पैराग्राफ को रीडआउट कर सकते है.
प्याज उत्पादन राज्य
कर्नाटक , गुजरात, महाराष्ट्र
टमाटर के उत्पादन राज्य
ओडिशा , कर्णाटक, आंध्रप्रदेश , तेलंगना, गुजरात
आलू उत्पादक राज्य
बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात
इस योजना में सबसे पहले बहुत ही कम फासले को रखा गया था लेकिन समय के अनुसार बदलाव किया गया और एक मिशन तैयार किया गया. अब इसमें 18 फशल को शामिल कर लिया गया है. जिसमें 10 फल और 8 शब्जीयां शामिल है. इसके आगे भविष्य में सरकार का योजना है इन फसलों को इस लिस्ट में शामिल भी किया जायेगा. इस योजना पर अभी भी काम चल रही है. अगर इससे संबंधित कोई अपडेट आता है तो आपको वेबसाइटहिंदी.कॉम पर अपडेट कर दिया जायेगा.
जैसा की हम जानते है इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा लाया गया है. जिसके अंतर्गत मूल्य स्थिरीकरण के उपाय और इसके साथ में एकीकृत मूल्य श्रृंखला विकास एवं परियोजनाओं की दोहरी रणनीति तैयार की जा रही है. इसकी ठोस जानकारी इस पोस्ट में प्रकाशित किये गए है.
ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत लाभ लेने वाले लोग
सहकारी समिति, व्यक्तिगत किसान, निर्यातक राज्य विपरण, खाद्य प्रसंस्करण, किसान उत्पादक संगठन एवं संस्था इत्यादि.
ऑपरेशन ग्रीन योजना में लगने वाले दस्तावेज
आइडेंटिटी कार्ड के लिए आधार कार्ड/वोटर कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट देय होगा.
एड्रेस प्रूफ के लिए बिजली बिल, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट जमा करना होगा.
आवेदन करता का पैन कार्ड जमा करना जरुरी है.
आवेदक का ईमेल आईडी देना होगा.
सक्रीय मोबाइल नंबर देय होगा. ताकि समय – समय पर आपको मेसेज प्राप्त हो सके.
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा. विभाग के वेबसाइट पर जाने के लिए इस यूआरएल www.sampada-mofpi.gov.in पर क्लिक कीजिये.
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