भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार (9 अक्टूबर) को पांच राज्यों के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे. इसके अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में भी चुनाव होने हैं. यूं तो सभी विधानसभा का चुनाव महत्वपूर्ण है, लेकिन तेलंगाना का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है.
तेलंगाना चुनाव कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां बीजेपी तरफ से कमान संभाले हुए हैं. वह यहां लगातार जनसभाएं कर रहे हैं और मौजूदा सरकार पर हमला बोल रहे हैं. यहां हम आपको विस्तार से बताएंगे क्या है तेलंगाना के राजनीतिक समीकरण. कितने वोटर करेंगे मतदान.
तेलंगाना में इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इसमें तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को 88 सीटों पर जीत मिली थी. के. चंद्रशेखर राव ने यहां सरकार बनाई. टीआरएस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस थी, जिसके खाते में 19 सीटें थीं. भारतीय जनता पार्टी महज एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी. असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली थीं, जबकि तेलुगू देशम ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
चुनाव आयोग ने पिछले दिनों तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले फाइनल वोटर लिस्ट जारी किया था. इसके मुताबिक तेलंगाना में कुल 3 करोड़ 17 लाख 17 हजार 389 वोटर हैं. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 1,58,43,339 है. जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,58,71,493 है. कुल वोटर्स में 2557 ट्रांसजेंडर हैं. इसके अलावा इस बार 15,338 सर्विस वोटर और 2,780 विदेशी मतदाता हैं.
राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें तो यहां कांग्रेस और बीआरएस के बीच कड़ा मुकाबला होगा. बीआरएस अभी सत्ता में है तो कांग्रेस ने उसे हटाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. कांग्रेस ने पिछले दिनों तेलंगाना में अपनी वर्किंग कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक की थी. इसके अलावा यहां दोनों दलों के बीच पोस्टर वॉर भी लगातार जारी है.