दुर्गा पूजा शुरू होने में मजह कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में हर साल मां किसी सवारी पर आती है और फिर किसी अन्य से जाती है. इस बार भी जब नवरात्रि में जब देव लोक से पृथ्वी लोक मां दुर्गे आती है तो दिन के हिसाब से उनकी सवारियां होती हैं. इस वर्ष, शारदीय नवरात्र का आरंभ 15 अक्टूबर 2023 को हो रहा है. इस वर्ष माता रानी का आगमन हाथी पर हो रहा है और प्रस्थान मुर्गा पर. इसका पृथ्वी वासियों पर क्या असर पड़ेगा, इसपर विशेष जानकारी कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा ने दी.
आदिशक्ति की आराधना का यह पर्व प्रत्येक अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर पूरे 9 दिनों तक चलता है. इस पर्व का हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है. पूरे देश भर में इसे धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में मातारानी के आगमन से लेकर माता के गमन तक की सवारी दिन के हिसाब से होती है. डॉ.कुणाल कुमार झा ने बताया कि इस वर्ष, माता रानी का आगमन हाथी पर हो रहा है और गमन मुर्गा पर.
नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर मां दुर्गा की सवारी के बारे में पता चलता है. नवरात्रि में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है, और माता हाथी पर सवार होकर धरती पर आ रही हैं. हाथी पर माता का आगमन इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि इस वर्ष खूब अच्छी वर्षा होगी और खेती अच्छी होगी.
आगे उन्होंने बताया कि 9 दिनों तक इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है, इसलिए क्रमशः 9 दिन का इस बार नवरात्र होगा. वहीं दसवां दिन अर्थात 24 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी. इस नवरात्र में भगवती का गमण मंगलवार होने के कारण चरणयुद्ध वाहनाम मतलब मुर्गा पर होगा. जो राजतंत्र के लिए अशुभ संकेत है. राजतंत्र को यह प्रभावित करता है. मानव जाति को व्याकुलता प्रदान करता है.