फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम लोग इस्राइल के साथ हैं।
आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है। इन हमलों में अभी तक करीब 1600 लोगों की मौत हो चुकी है। हमास के हमलों के बाद कई देश इस्राइल के पक्ष में उतर आए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर हमास के हमलों की निंदा की है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि आज हम यानी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपना समर्थन इस्राइल के लिए व्यक्त करते हैं।
संयुक्त बयान में हमास और उसके आतंकवाद के भयावह करतूतों की निंदा की गई। साथ ही कहा गया कि हम स्पष्ट करते हैं कि हमास की आतंकवादी कार्रवाइयों का कोई औचित्य नहीं है, कोई वैधता नहीं है और सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए।
व्हाइट हाउस ने कहा कि आतंकवाद को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। हाल के दिनों में, दुनिया ने देखा है कि किस तरह हमास ने आतंक फैला कर रखा है। हमास के सदस्यों ने परिवारों को उनके घरों में मार डाला, एक संगीत समारोह का आनंद ले रहे 200 से अधिक युवाओं को मार डाला। इतना ही नहीं, बुजुर्ग महिलाओं, बच्चों और पूरे परिवारों का अपहरण कर उन्हें बंधक बना लिया है।
इजरायल पर आतंकी संगठन हमास के हमले से दुनियाभर में हलचल मच गई है। जहां पश्चिमी देशों ने हमास के हमले को लेकर इजरायल का समर्थन किया है, तो वहीं पश्चिमी एशिया के इस्लामिक देश फलस्तीन के समर्थन में साथ खड़े हैं। इस बीच इजरायल में इन दर्दनाक हमलों में अब तक करीब 900 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस्राइल की ओर से गाजा पट्टी पर किए गए पलटवार में 690 की जान जाने की बात सामने आई है। इन हालात के बीच हमास ने धमकी दी है कि अगर गाजा पट्टी पर हमले नहीं रुकते हैं तो वह इस्राइली बंधकों की हत्या कर देगा।