पीडब्ल्यूडी ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना में आगामी छह माह में 700 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है। इसके साथ ही विभाग ने तीन हजार करोड़ की मंजूरी के बाद काम तेज कर दिया है। विभाग को प्रोजेक्ट करीब छह माह की देरी से मिला है और मार्च तक 700 किलोमीटर सडक़ों का ही रखरखाव विभाग कर पाएगा। ऐसे में इस साल करीब 700 करोड़ के ही काम होने की संभावना है, जबकि अगले साल से यह लक्ष्य दोगुना हो जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण को मंजूरी दी है। यह मंजूरी करीब 3000 करोड़ की है। केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई के कुल बजट 19 हजार करोड़ से इस बजट को हिमाचल के लिए आरक्षित कर लिया है, लेकिन प्रदेश को भुगतान काम की एवज में होगा। यानी पीडब्ल्यूडी पीएमजीएसवाई के जिन प्रोजेक्ट का काम केंद्रीय मानकों के अनुरूप पूरा कर लेगा। उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजनी होगी। इसके बाद केंद्र सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य को भुगतान जारी करेगी?
विभाग इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है, तो मार्च तक 700 करोड़ का भुगतान केंद्र सरकार हिमाचल को करेगी, जबकि आगामी वित्तीय वर्ष में इस लक्ष्य को दोगुना किया जाता है, तो यह करीब 1400 करोड़ रुपए हो जाएगा। डेढ़ साल में पीडब्ल्यूडी पीएमजीएसवाई में 2100 किलोमीटर सडक़ों का पुनर्निर्माण और विस्तार कर पाएगा। पिछले साल नवंबर माह में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की पहली मंजूरी करीब 2600 करोड़ की थी। इसमें 254 प्रोजेक्ट शामिल थे। अब यह दूसरी बड़ी मंजूरी विभाग ने हासिल की है और इसमें 3000 करोड़ का बजट शामिल है।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के बीच ही अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं। मार्च में मौजूदा सरकार का आखिरी बजट होगा। हिमाचल में पीएमजीएसवाई में अगले साल 1400 किलोमीटर का नया लक्ष्य मिलेगा। इस बीच चुनाव होंगे और देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू होगी, लेकिन प्रदेश में 3000 करोड़ का बजट पहले ही मंजूर हो चुका है। राज्य अब आगामी दिनों में अपने हिस्से से ही राशि खर्च करेगा।