विश्व कपास दिवस (World Cotton Day) 7 अक्टूबर को विश्वभर में मनाया जाता है। इस अंतर्राष्ट्रीय दिन का उद्देश्य कपास के उपयोग और महत्व का महोत्सव करना है, जिसमें कपास की प्राकृतिक फाइबर के गुणों से लेकर लोगों को इसके उत्पादन, प्रसंस्करण, व्यापार, और उपभोग से होने वाले लाभों का समर्थन किया जाता है। कपास का उपयोग प्राचीन काल से ही कपड़ों के रूप में किया जा रहा है, और यह आज भी एक महत्वपूर्ण और व्यापक उपयोग का स्रोत है। कपास की खेती न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में व्यापक रूप से की जाती है, और इसके उत्पादन से हर साल कई लोगों को रोजगार का मौका प्राप्त होता है।
सबसे पहला कपास दिवस 7 अक्टूबर 2019 को मनाया गया था, जिसकी शुरुआत बेनिन, बुर्किना फासो, चाड़, और माली इन चार देशों ने की थी। इन देशों ने साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व कपास दिवस की स्थापना का आधिकारिक प्रस्ताव पेश किया था। साल 2019 के बाद से हर साल यह दिन सेलिब्रेट किया जाने लगा है।
विश्व कपास दिवस का मुख्य उद्देश्य कपास के उत्पादन के लिए आवश्यक बदलाव करना है।
इस दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा कपास प्रोडक्शन की तकनीकों के विकास को बढ़ावा देना है।
विश्व कपास दिवस के माध्यम से लोगों को कपास के उत्पादन से जुड़े रहने की जागरूकता फैलाने का भी उद्देश्य है।
इस दिन के जश्न मनाने से अधिक से अधिक लोगों को कपास के उत्पादन से जुड़े रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
कॉटन उद्योग केवल कपड़ों के निर्माण का काम नहीं करता है, बल्कि यह कई लोगों के रोजगार का महत्वपूर्ण स्रोत भी है। इसलिए, कॉटन के महत्व को साझा करना भी विश्व कपास दिवस को मनाने का विशेष उद्देश्य है।
कपास को खेत से लेकर फैशन तक सभी के लिए उचित और टिकाऊ बनाना