हिमाचल में लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ने लगा है। राज्य सरकार ने भी प्रदेश को ग्रीन हिमाचल बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग पर बल दिया है और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों की भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों में रुचि बढ़ रही है। परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी तक कुल 2502 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत हैं। खास बात यह है कि इनमें से 79 गाड़ियां बीते सितंबर माह में ही पंजीकृत हुई हैं। हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सबसे ज्यादा बाइक और स्कूटर शामिल हैं। प्रदेश भर में कुल 1896 मोटर साइकिल और स्कूटर पंजीकृत हैं। साइड कार वाली मोटर साइकिल और स्कूटर की संख्या 10 है। इंजन वाली 26 इलेक्ट्रिक साइकिल या मोपेड पंजीकृत हैं। इसके अलावा प्रदेश में नौ मालवाहक इलेक्ट्रिक गाड़ियां और 87 इलेक्ट्रिक बसें भी पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग सभी इलेक्ट्रिक बसें एचआरटीसी की हैं। इनमें ज्यादातर इलेक्ट्रिक बसें शिमला और धर्मशाला में हैं। शिमला जिला में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 50 से अधिक है।
ये बसें लोकल रूटों पर ही चलती है। जल्द ही एचआरटीसी में टाइप-2 बसों की खरीद भी की जानी है। ये बसें एक बार चार्ज करने पर करीब 200 से 300 किलोमीटर चलेंगी। इन बसों के आ जाने के बाद एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा इलेट्रिक बसों को इंटर डिस्ट्रिक्ट रूटों पर भी चलाया जाएगा। प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 50 फीसदी सबसिडी देने का फैसला भी किया है। सबसिडी की अधिकतम मात्रा 50 लाख रुपए तक रहेगी। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 ग्रीन कॉरिओडोर भी स्थापित किए गए है। हिमाचल प्रदेश का परिवहन विभाग पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है। परिवहन विभाग के पास कुल 19 गाड़ियां हैं और ये सभी इलेक्ट्रिक हैं। विभाग ने फरवरी महीने में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद की थी, इन गाड़ियों की खरीद के बाद परिवहन विभाग ने अभी तक डीजल व अन्य मरम्मत कार्यों पर खर्च होने वाले करीब 40 लाख रुपए की बचत की है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग की इलेक्ट्रिक गाड़ियों की परफार्मेंस भी डीजल वाली गाड़ियों की तुलना में काफी अच्छी है।