पाकिस्तान की सरकार के ऊपर इन दिनों भारत की IT इंडस्ट्री और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का खौफ छाया हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार ने नियामकों सहित सभी IT और वित्तीय संस्थानों को सलाह दी है कि वे भारत से जुड़े AI और IT प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि ये पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे (CII) के लिए ‘बहुत बड़ा खतरा’ पैदा कर सकते हैं। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने क्षेत्रीय नियामकों सहित संघीय और प्रांतीय मंत्रालयों के साथ साझा की गई ‘साइबर सुरक्षा सलाह’ के जरिए संबंधित अधिकारियों को खतरे के बारे में सूचित किया है.
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर AI प्रोडक्ट्स और सेवाओं का उपयोग उद्यम विकास में तेजी लाने के लिए वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्रों सहित विभिन्न उद्योगों द्वारा किया जा रहा है. इसमें कहा गया है, ‘यह पता चला है कि पाकिस्तान का फिनटेक सेक्टर, जिसमें कुछ बैंक भी शामिल हैं, भारतीय मूल की कंपनियों के साथ जुड़े हुए हैं जो उन्हें आईटी उत्पाद, साइबर सुरक्षा और एआई समाधान आदि की पेशकश कर रहे हैं.’ इसमें कहा गया है कि ‘भारतीय सुरक्षा उत्पादों/समाधानों का उपयोग’ बैंकिंग क्षेत्र सहित पाकिस्तान के CII के लिए एक बड़ा खतरा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि जरूरी जानकारियां इकट्ठा करने के लिए मैलवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिए पाकिस्तानी कंपनियों को सावधान रहने की जरूरत है और साथ ही पाकिस्तान के CII में भारत की सीधी एंट्री से बचने के लिए भी सावधानी बरतनी जरूरी है. पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान में ही तकनीक के क्षेत्र से जुड़े विकल्पों को खोजना चाहि. दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार ने अपने बैंकों से पाकिस्तान की टेक कंपनियों को भारतीय कंपनियों का विकल्प बनाने का आह्वान किया है.