रुस और यूक्रेन के बीच हुए विश्वयुध्द में पाकिस्तान की यूक्रेन से हुई हथियार डील के बाद भी पुतिन सरकार अपना वादा निभाते हुए इस्लामाबाद को एलपीजी गैस भेजी है। बताया जा रहा है कि 1 लाख मीट्रिक टन एलपीजी गैस रूस से पाकिस्तान पहुंची है। पाकिस्तान में रूसी दूतावास ने एक ट्वीट करके बताया कि यह एलपीजी गैस ईरान के सराख विशेष आर्थिक क्षेत्र से भेजी गई है। रूसी दूतावास ने आगे कहा कि दूसरे शिपमेंट के लिए विचार विमर्श जारी है। रूस ने इससे पहले पाकिस्तान को सस्ते दर पर कच्चा तेल और गेहूं भी दिया था। रूस जहां लगातार पाकिस्तान की मदद कर रहा है, वहीं इस्लामाबाद की सरकार यूक्रेन को हथियार बेचकर रूस को धोखा दे रही है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की तेल रिफाइनरी फोर्टेइन्वेस्ट ने पाकिस्तान के साथ डील किया था। इसके तहत रूसी एलपीजी गैस को पहली बार जमीनी रास्ते से पाकिस्तान भेजा गया। यूरोपीय संघ के बैन लगाने की वजह से रूसी रिफाइनरी वैकल्पिक मार्केट तलाश रही हैं। रूसी कंपनी ने शुरू में 1000 टन गैसोलिन का समझौता किया था। पाकिस्तान ने बाद में और ज्यादा गैसोलिन, डीजल और एलपीजी के लिए अनुरोध किया था। रूसी रिफाइनरी तेल रिफाइन करके उसे पाकिस्तान को देगी।
बताया जा रहा है कि रूस के कजाखस्तान सीमा से लगे ओरेनबर्ग इलाके में स्थित रिफाइनरी से तेल और गैस को रेलवे के रास्ते अफगानिस्तान भेजा जाएगा। वहां से टैंक ट्रक पर लादकर पाकिस्तान पहुंचाया जाएगा। रूस और पाकिस्तान के बीच कोई सीधी रेल सेवा नहीं है। इससे पहले जून में रूस ने सस्ती दर पर पाकिस्तान को तेल बेचा था। रूस ने पाकिस्तान को गेहूं भी दिया है जो आटे की भारी कीमत से जूझ रहा है। रुस जहां कंगाल हो चुके पाकिस्तान को सस्ती दर पर तेल, गैस और गेहूं दे रहा है, वहीं पाकिस्तान पुतिन को लगातार धोखा दे रहा है।
हाल ही में खुलासा हुआ था कि आईएमएफ से कर्ज की डील के लिए पाकिस्तान को अमेरिका से गुहार लगानी पड़ी थी। पाकिस्तान जब यूक्रेन को हथियार देने के लिए सहमत हुआ तब जाकर अमेरिका ने पाकिस्तान को कर्ज दिलवाया था। इससे पहले भी पाकिस्तान ने पोलैंड और जर्मनी के रास्ते यूक्रेन को कई बार हथियार और गोला बारूद भेजे थे। वहीं पाकिस्तान दावा करता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में वह तटस्थ है। इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद अमेरिका, पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच हथियार समझौते में काफी तेजी आ गई है।