भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में डेंगू का कहर काफी बढ़ गया है। डेंगू का कहर किस कदर है की इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 900 से ज्यादा मौतें इस बीमारी से हो गई है। बांग्लादेश में इस साल अब तक सामने आए 187,725 मामलों में से डेंगू बुखार से 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसका पता स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से चला है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में जिक्र है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के आंकड़ों के अनुसार कुल 909 मौतों में सितंबर में 316, अगस्त में 342 और जुलाई में 204 शामिल हैं। डीजीएचएस के अनुसार अगस्त में 71,976 और जुलाई में 43,854 के बाद सितंबर में अब तक डेंगू के 63,917 मामले दर्ज किए गए।
इस दक्षिण एशियाई देश में पिछले 24 घंटों में 16 मौतें हो चुकी हैं। वहीं 3,008 अधिक डेंगू संक्रमण दर्ज किए गए। डीजीएचएस ने कहा कि इस साल अब तक देश में ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या 176,346 है। जून-सितंबर की मानसून अवधि बांग्लादेश में डेंगू बुखार का मौसम है, जिसे मच्छर जनित बीमारी के लिए उच्च जोखिम वाला देश माना जाता है।
बारिश के मौसम में डेंगू सबसे ज्यादा फैलता है। बारिश के पानी में पनपने वाले मच्छर दिन में भी काटते हैं। इससे डेंगू जैसी बीमारी तेज बुखार के साथ आती है। डेंगू और कोरोना के लक्षण एक जैसे हैं तो, लोगों के लिए समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें क्या बीमारी है और डेंगू अकेला नहीं बल्कि मलेरिया और चिकनगुनिया भी लोगों के लिए आफत बन रहे हैं। इन हाईग्रेड फीवर के साथ साथ इस मौसम में वायरल इंफेक्शन के मरीज़ भी बड़ी तादाद में अस्पताल पहुंचते हैं। बदलते मौसम में वायरल तो अटैक करता ही है और मौसम का बदलना भी ज़रूरी है लेकिन ज़रूरी ये भी है कि ऐसा योगिक कवच बनाया जाए कि डेंगू क्या, वायरल क्या कोई भी बीमारी उसे भेद ना पाए। सिर्फ 2.5 मिलिग्राम होता है डेंगू के मच्छरों का वज़न। इनकी साढ़े 3 हज़ार से ज़्यादा नस्ल होती हैं। डेंगू के मच्छर इतने खतरनाक होते हैं कि हर साल 10 लाख लोगों की जान ले लेते हैं।