भाद्रपद का महीना 31 अगस्त 2023 से शुरू हो जाएगा. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रक्षा पंचमी के नाम से जाना जाता है. रक्षा पंचमी राखी के 5 दिन बाद और जन्माष्टमी से तीन दिन पहले मनाई जाती है.
ऐसा कहा जाता है कि जो बहनें रक्षाबंधन पर किसी कारण से भाइयों को राखी नहीं बांध पाई हों, वह रक्षा पंचमी पर ये काम कर सकती हैं. इस दिन भगवान गणेश और शिव की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं इस साल रक्षा पंचमी की डेट, मुहूर्त और महत्व. इस साल रक्षा पंचमी 4 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी. रक्षा पंचमी को रेखा पंचमी, शांति पंचमी भी कहते हैं. इस दिन गोगा पंचमी भी मनाई जाती है जिसमें गुजरात में नागों की पूजा करते हैं. ये त्योहार मुख्य रूप से उड़ीसा में मनाया जाता है.
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 03 सितंबर 2023 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी. अगले दिन 04 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगी.
नाग पूजा मूहूर्त – सुबह 06:24 – सुबह 08:53
राखी बांधने का मुहूर्त – सुबह 09.31 – सुबह 11.04
शिव-गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 06.24 – सुबह 07.57
रक्षा पंचमी क्यों मनाई जाती है?
रक्षा पंचमी पर नाथ संप्रदाय के लोग भैरव के सर्पनाथ स्वरूप के विग्रह का पूजन करते हैं. रक्षाबंधन के दिन जो भाई राखी नहीं बंधवा पाएं हो वह इस दिन बहनों से राखी बंधा सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार रक्षा पंचमी पर वक्रतुण्ड रुपी हरिद्रा गणेश पर दूर्वा और सरसों चढ़ाने का विधान है, इससे भाई को आरोग्य का वरदान और परिवार में खुशहाली आती है. इस दिन भगवान शिव के अवतार भैरवाथ की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है.