भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव गहराता जा रहा है। खालिस्तान समर्थक आतंकवाली हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी के बाद भारत के साथ कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए। ऐसे में कनाडा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त विकास स्वरूप ने ओटावा से तनाव कम करने और सच्चाई को जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया।
विकास स्वरूप ने कनाडाई सरकार को याद दिलाया कि दोषी साबित होने तक हर कोई निर्दोष होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कानून के शासन को अपना काम करने दें। विकास स्वरूप ने 2017 से 2019 तक कनाडा में भारत के उच्चायुक्त के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। इसके अलावा वो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। साथ ही लेखक की भूमिका भी निभाई है।
कनाडा में 18 जून को खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया। इस सप्ताह की शुरुआत में भारत और कनाडा ने एहतियातन कई जरूरी निर्णय भी लिए। भारत ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि कनाडा ने निज्जर पर हमारे साथ कोई भी जरूरी जानकारी साझा नहीं की।
भारत ने कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही उसे बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया। दरअसल, भारत ने साल 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था, जिसे कनाडा की सरकार वहां का नागरिक बता रही है।
विकास स्वरूप ने निज्जर की हत्या में भारत की संभावित संलिप्तता वाले आरोप को लेकर जस्टिन ट्रूडो को लापरवाह बताया। उन्होंने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि आखिर कनाडाई सरकार ने ऐसा क्यों किया? जो आरोप लगाए गए हैं, उन्हें मैं खारिज करता हूं। सच्चाई को सार्वजनिक माहौल में सामने आने दीजिए।
उन्होंने कनाडा से एक कदम पीछे हटने का आग्रह करते हुए कहा कि कृपया इस पर विचार करें। हमें जनता का ध्यान केंद्रित करने की कोई जरूरत नहीं थी। इस दोनों सरकारों के बीच लगातार वार्ता के माध्यम से राजनयिक स्तर पर आसानी से हल किया जा सकता था, लेकिन धमाका हो गया। हमें टुकड़ों को एकत्रित कर आगे बढ़ना होगा।