महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है. स्मृति ईरानी ने इस दौरान कांग्रेस पर ही महिला आरक्षण बिल को सालों तक अटकाए रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस अगर चाहती तो 2010 से 2014 के बीच ही महिला आरक्षण बिल पास करा सकती थी, क्योंकि तब पार्टी लोकसभा में बहुमत में थी.”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के महिला आरक्षण बिल को तुरंत लागू करने वाले बयान पर स्मृति ईरानी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ”सब जानते हैं कि राहुल गांधी संविधान के ज्ञाता नहीं है. ऐसे में आग्रह है कि लोग संविधान के अनुच्छेद 82 को पढ़ें.” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस इसे अभी लागू करने की मांग इस कारण कर रही है, ताकि महिला आरक्षण बिल पर वो कोर्ट कोर्ट जाए. ऐसा ही इन्होंने 370 में किया था. कांग्रेस की 2010 से 2014 तक सरकार रही, लेकिन इनके साथ के ही दलों ने इसका ) विरोध किया था.
ईरानी ने महिला को ये खास तोहफा देने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया भी अदा किया है. उन्होंने कहा कि यह न केवल बहुत खुशी और उल्लास का क्षण है, बल्कि बहुत संतुष्टि का भी पल है. संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल लंबी चर्चा के बाद पास हो गया. बिल के समर्थन 215 सांसदों ने वोट किए. विरोध में किसी ने वोट नहीं किया. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया था.
महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा. यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा.