कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की है. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने एक छोटा सा सवाल पूछा कि पीएम अगर ओबिसी को लेकर इतना काम कर रहे हैं तो 90 में से सिर्फ 3 सेक्रेटरी ओबीसी क्यों हैं? कैबिनेट में पीएम रोज ओबीसी की बात करते हैं, वो कहते हैं कि लोकसभा में हमारा प्रतिनिधित्व है लेकिन उससे क्या होता है. मुझे ये पता लगाना है कि ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं, जितने हैं उतने प्रतिशत को आरक्षण मिलना चाहिए. लोकसभा में किसी बीजेपी के सांसद से पूछ लीजिए कि क्या उनमें से कोई देश को चलाने में निर्णय लेता है? हर ओबीसी युवा को ये समझाना है कि क्या इस देश को चलाने में आपकी भागीदारी होनी चाहिए या नहीं. 90 में से सिर्फ 3 ओबीसी क्यों?
राहुल गांधी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को क्लॉस एकदम हटा देना चाहिए और इसे तुरंत लागू करना चाहिए. पीएम को अपने अगले भाषण में देश को ये समझाना है कि हिंदुस्तान के जो मुख्य अफसर हैं उन 90 में से सिर्फ 3 ओबीसी क्यों हैं? क्या आप आगे चलकर सरकार में ओबिसी और महिला के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान करने वाले हैं? हमें पहले पता करना है कि आखिर कितने ओबीसी हैं, पहले जनगणना तो हो, मुझे डेटा दे देंगे तब मैं आपकी बात का जवाब दूंगा. हम बदलाव चाहते हैं.
कांग्रेस सासंद राहुल गांधी ने कहा कि जब मैंने ये आंकड़ा देखा कि 90 में से 3 ओबीसी हैं मैं हैरान हो गया. हम एक बिल आज पास कर रहे हैं और 10 साल बाद इसे इम्प्लीमेंट करेंगे, इसका क्या मतलब है. भारत कि महिलाओं को इतना कम इंटेलीजेंट मत समझिए. अफसोस है कि अपने समय में हमें ओबीसी कोटा दे देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पार्लियामेंट के विशेष सत्र का ऐलान हुआ और पुराने से नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुए जो अच्छी बात है. पहले पता नहीं था मुद्दा क्या है? फिर पता चला महिला आरक्षण बिल है. सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है. 33% सीट महिलाओं को दी जा सकती हैं. इतना कॉम्प्लिकेटेड नहीं है. ये डायवर्जन टैक्टिक है. रिजर्वेशन को लेकर भटकाने की कोशिश हो रही है.