जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने उन नेताओं व लोगों को नसीहत दी है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर फैसले पर सवाल उठाते हुए हमला बोल रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा न करके जब उनके पक्ष की सरकार बने तो अपने अनुसार निर्णय लें और कानून बनाएं. अभी वर्तमान सरकार को बहुमत है तो उन्हें अपने कमिटमेंट के हिसाब से कानून बनाने का अधिकार भी है.
पीके ने कहा कि जब देश में स्वर्गीय इंदिरा गांधी की सरकार थी तो उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में जो परिवर्तन करना चाहा कर दिया. सरकार का अधिकार है कानून बनाना, लेकिन अगर वो जनता की आशा के खिलाफ हुआ तो जनता उन्हें सबक सिखाती है. जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि देश में 75 सालों में कितने साल से मोदी की सरकार है? अभी तो 9 साल ही हुआ है, क्यों घबरा रहे हैं?
प्रशांत किशोर ने कहा कि देश में जब इंदिरा गांधी की सरकार थी तो उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में जो परिवर्तन करना चाहा तो कर दिया. कई तरह के कानून बने. जो भी सरकार में आता है कानून बनाना उसका अधिकार होता है. लेकिन, जनता का भी अधिकार है कि जिस बात पर आपको बहुमत दिया है, अगर आप उनके लिए कानून बना रहे हैं वो उनकी आशाओं, अपेक्षाओं और भावनाओं के खिलाफ जाएगा तो जनता फिर अपने हिसाब से फैसला करती है.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि छह महीने बाद चुनाव होंगे. जनता की क्या भावना है, जनता क्या चाहती है, आप और हम मत के द्वारा व्यक्त करते हैं. जो जनप्रतिनिधि पार्लियामेंट में चुन कर जाते हैं वही लोग तो निर्णय लेंगे. नेता अगर आपकी भावना के अनुरूप निर्णय लेंगे तो जनता आपके साथ खड़ी रहेगी. अगर वो आपकी भावना के अनुरूप निर्णय नहीं लेंगे तो उनको चुनाव हारना पड़ेगा. नई व्यवस्था आएगी उस चीज को करेक्ट कर देगी. आप इसे एक कानून, एक निर्णय या एक पार्लियामेंट से मत जज कीजिए.