सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में तमिलनाडु सरकार में मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. उनके अलवा तमिलनाडु सरकार, ए राजा, सीबीआई और अन्य पक्षकारों को भी शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि के बयान को हेट स्पीच मामने से इनकार किया है. अदालत ने ये नोटिस उस याचिका का संज्ञान लेते हुए जारी किए हैं, जिसमें उपरोक्त सभी पर सनातन धर्म को लेकर घृणित बयानबाजी के जरिए हिंदुओं की भावनाएं आहत करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को हेट स्पीच पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ सुनेगी. चेन्नई के एक वकील ने याचिका दायर कर मांग की है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए. हाल ही में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की युवा शाखा के नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधी स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न तो पहले नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में और न ही अब आमंत्रित किया गया क्योंकि वह विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं. उन्होंने कहा, ”इसी को हम सनातन धर्म कहते हैं.”
युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री ने पूर्व में अपनी सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों से विवाद को बढ़ावा दिया था, जिसके कारण देश भर में तीखी बहस हुई थी. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को लेकर उन पर निशाना साधा था. उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में प्रमुख विपक्षी दल अन्नाद्रमुक से सनातन धर्म पर रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ आंदोलन के नेता सी एन अन्नादुरई ने इसका (सनातन का) कड़ा विरोध किया था. उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने सनातन को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं बोला है, जो पेरियार ई वी रामासामी, बी आर आम्बेडकर और अन्नादुराई ने नहीं कहा हो.