प्रदेश सरकार नई ऊर्जा नीति के तहत काम करेगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में हिमाचल के हितों को बिजली परियोजनाओं को बेचने का प्रयास किया है। कांग्रेस के समय में हिमाचल का शेयर 12 प्रतिशत था, लेकिन पूर्व सरकार के समय में शुरुआती 10 साल तक चार प्रतिशत, 10 से 25 साल तक आठ प्रतिशत और 25 से 40 साल तक 12 प्रतिशत तय किया गया।
अब राज्य सरकार ने नई नीति में बदलाव किए हैं। अब इस पॉलिसी में ही हिमाचल में परियोजना लगाने की अनुमति मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा नीति के तहत एसजेवीएनएल ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है और वह सरकार से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा हिमाचल से प्रोजेक्ट मांग रहे हैं। ऊर्जा पॉलिसी को जो मान लेगा, उसका स्वागत है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सदन में पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के सवालों का जबाव दे रहे थे।
विधायक सतपाल सत्ती ने अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री को जबाव दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने हिमाचल में ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट लाने के लिए पालिसी में बदलाव किया था। पूर्व सरकार की नीति और नीयत बिल्कुल साफ थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने भी पालिसी में बदलाव किए हैं। अब आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी सामने आने चाहिए।
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नदी के किनारे साढ़े सात करोड़ टन रेत और बजरी आ रही है। 80 लाख टन ही निकाल पा रहे हैं, जबकि दस प्रतिशत ही निकाल पा रहे हैं। बीबीएनडी क्षेत्र रेत और बजरी से भरे चुके हैं। नदी का किनारा एक से डेढ़ फुट ऊपर उठ रहा है। पांवटा और मंडवाला में दूसरे राज्यों के लोग माइनिंग कर रहे हैं। वैज्ञानिक तरीके से खनन करना होगा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पच्छाद में शिलान्यास पर पंचायत प्रधान को नोटिस जारी करने का मामल उठाया। उन्होंने कहा कि सांसद, विधायक और प्रधान की मौजूदगी में शिलान्यास किया गया था। इस पर मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शिलान्यास से पहले सरकार से अनुमति नहीं ली गई और शिलान्यास पट्टिका में ऐसे व्यक्ति का नाम लिखा था, जो चुना हुआ प्रतिनिधि नहीं है।