पंडोह बाजार में स्थित 100 साल पुराने लाल पुल के टूट जाने के बाद उसी के जैसे बनाए जा रहे झूला पुल का निर्माण कार्य पूरा अब हो गया है। अब इस झूला पुल को आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया है। 6 लाख की लागत से एक महीने में बनकर तैयार हुआ यह झूला पुल द्रंग और मंडी सदर विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा। यह पुल 90 किलो तक भार उठाने की क्षमता रखता है। इसपर लोग भी सवार होकर ब्यास नदी को पार कर पाएंगे लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि 90 किलो से अधिक का भार इसपर ना लादें।
हालांकि विभाग ने इस पुल को बनाकर तैयार तो कर दिया है लेकिन जहां पर लोगो के उतरने और चढ़ने का स्थान बनाया गए हैं वहां पर रेलिंग नहीं है जिस कारण झूला पुल का उपयोग करने वाले लोगों को गिरने का खतरा सता सकता है। लोगों ने रेलिंग लगाने की मांग उठाई है। लोक निर्माण विभाग थलौट डिविजन के अधिशाषी अभियंता विनोद राणा ने बताया कि पुल को सुचारू कर दिया गया है। यह पुल ब्यास नदी पर बने अन्य झूला पुल की तरह ही है। लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इसपर ज्यादा वजन न डालें। यदि कुछ कमियां रह गई हैं तो उन्हें भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा
वहीं, पंडोह और इलाका बदार के लोग बड़े और पक्के पुल के इंतजार में हैं। पुल टूटने के कारण पंडोह बाजार की आर्थिकी स्थिति भी गड़बड़ा गई है और इलाका बदार की करीब एक दर्जन पंचायतों को पंडोह तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। इन्होंने सरकार से पंडोह में बनने वाले पुल के लिए जल्द से जल्द धनराशि जारी करने और इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई है।