लोक निर्माण विभाग ने शिमला जोन में 836 सडक़ें दोबारा से बहाल कर दी है. इन सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है. शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अब 14 सडक़ें बंद है और इन सडक़ों में से ज्यादातर को आगामी तीन दिन में पीडब्ल्यूडी बहाल कर लेगा. इनमें से ज्यादातर सडक़ें पुल और बड़े डंगे भूस्खलन का शिकार होने की वजह से बाधित हुई हैं. जिन सडक़ों पर पुल गिरे है उन्हें बहाल करने में 30, बड़े डंगे गिरने की स्थिति में 15 से 20 और भूस्खलन ग्रस्त मार्ग को आगामी 72 घंटे में बहाल करने की बात कही है.
खास बात यह है कि इस जोन में सेब बहुल इलाकों में यातायात पूरी तरह से सुचारू कर दिया है, जो 14 सडक़ें बंद हैं उनमें से एक दर्जन सडक़ें सेब बहुल इलाके में है. गौरतलब है कि बरसात के दौरान शिमला के सभी पांच सर्किल में करीब 850 सडक़ें बाधित हुई थी. इन सडक़ों को खोलने में विभाग ने निजी ठेकेदारों से मशीनरी किराए पर ली थी. शुरुआत में विभाग के पास बजट की किल्लत पेश आ रही थी, लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री ने मशीनरी और पुलों को बजट मुहैया करवाया था.
पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता कैप्टन एसपी जगोता ने बताया कि बरसात से शिमला, सोलन और सिरमौर में करीब 850 सडक़ें ठप हो गई थी. इन सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही थी. विभाग ने पहले दिन से कर्मचारियों को फील्ड में उतार दिया था और लगातार बारिश और भूस्खलन की परवाह किए बगैर कर्मचारियों ने इन सडक़ों को बहाल कर दिया ह. आगामी 72 घंटे में विभाग ज्यादा सडक़ें बहाल कर लेगा. लेकिन जहां पुल दोबारा से बनाने की जरूरत है या बड़े डंगे लगाने पड़ेंगे वहा अभी इंतजार करना होगा.
ताजा माहौल की बात करें तो शिमला जोन में आने वाले पांच सर्किल में से सबसे ज्यादा छह सडक़ें शिमला सर्किल में ठप है, जबकि रामपुर में पांच, रोहड़ू में दो और सोलन में एक सडक़ अभी तक बहाल नहीं हो पाई है. सिरमौर में सभी सडक़ों को पीडब्ल्यूडी ने बहाल कर दिया है. यहां फिलहाल कोई भी सडक़ बाधित नहीं है.