नालागढ़ उद्योग संघ की अध्यक्ष अर्चना त्यागी ने कहा कि प्रदेश सरकार का बिजली शुल्क में बतेहाशा बढ़ोतरी का कदम मौजूदा उद्योगों के साथ साथ नए निवेश को प्रभावित करेगा. उन्होंने इस बढ़ोतरी को उद्योगों के लिए घातक करार देते हुए प्रदेश सरकार से इसे अबिंलब वापस लेने की मांग की है. सोमवार को नालागढ़ के होटल कारा में आयोजित एनआईए की बैठक में बदहाल आधारभूत ढांचे की वजह से उद्योगों के पलायन, बिजली, लेबर, टैक्स व अन्य समस्याओं के मामलों को लेकर चर्चा हुई.
बैठक में उद्योग प्रबंधकों ने कहा कि प्रदेश में सरकार कम बिजली की दरों का लालच देकर उद्योगों को रिझाती है और फिर जब उद्योग हिमाचल में निवेश करते हैं तो उसके बाद उन्हें कई तरह के आर्थिक बोझ से गुजरना पड़ता है. प्रदेश में इस समय अन्य राज्यों की तुलना में अधिक न्यूनतम वेज लागू की गई है. इसके अलावा एजीटी अडिशनल गुड्स टैक्स, परिवहन और अब बिजली की दरों ने उद्योगों की कमर तोड़ रखी है.
हालात नहीं बदले तो प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र का नक्शा बदल जाएगा. नालागढ़ इंडस्ट्री एसोसिएशन की अध्यक्ष अर्चना त्यागी ने बैठक में बताया कि उन्होंने हरियाणा, पंजाब के मुख्यमंत्री को सडक़ों का संपर्क व दशा सुधारने को लेकर पत्र लिखे हैं और इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गटकरी को भी इस बारे में बताया है. एनआईए के सरंक्षक आरजी अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में उद्योग बिजली का लाभ देकर निवेश करते हैं, लेकिन अब सरकार ने बिजली को अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में ही अधिक महंगा कर दिया है.
नालागढ़ औद्योगिक संगठन की बैठक में चार प्रमुख मुद्दों पर चर्चा रही. पहला मुद्दा बिजली की बढ़ी हुई दरें, दूसरा बढ़ी हुई ट्रांस्पोर्टेशन, तीसरा अडिशनल गुड्स टैक्स और चौथा महंगी लेबर का मुद्दा शामिल था. इसके अलावा सडक़ों, पैसेंजर टैक्स जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. औद्योगिक संगठनों ने कहा कि यही वजह है कि आज उद्योग यहां निवेश नहीं बल्कि पलायन की तरफ अधिक सोच रहे हैं.