हिमाचल में कांगड़ा के बाद अब हमीरपुर में भी हेलिपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है. हमीरपुर हेलिपोर्ट को फोरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है. केंद्रीय पर्यावरण और वन विभाग ने हमीरपुर के जसकोट में हेलिपोर्ट को प्राथमिक मंजूरी दी है. अब जमीन का अधिग्रहण और मुआवजा बांटने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सिविल एविएशन के माध्यम से इस मामले को दूसरे चरण की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार हेलिपोर्ट निर्माण का काम शुरू कर पाएगा. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में 16 हेलिपोर्ट बनाने का फैसला किया है.
राज्य सरकार ने पहले चरण में धर्मशाला (रक्कड़), पालमपुर, हमीरपुर के जसकोट, चंबा के सुल्तानपुर, कुल्लू के मनाली, लाहुल-स्पीति के जिस्पा, सिस्सू और रंगरीक सहित किन्नौर के शारबो में हेलिपोर्ट प्रस्तावित हैं. इनमें से रक्कड़ व हमीरपुर की डीपीआर को फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भेजा गया था. अब प्रथम चरण की मंजूरी इन दोनों प्रोजेक्ट में मिल गई है. अब पर्यटन विभाग पालमपुर में प्रस्तावित तीसरे हेलिपोर्ट की डीपीआर बनाने में जुट गया है और इसके लिए पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 82 कनाल भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है. कांगड़ा को सरकार ने पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने का फैसला किया है और इस पर सरकार ने 3000 करोड़ खर्च करने का फैसला किया है. इसमें कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार भी शामिल है.
एफसीए के नोडल अधिकारी हर्ष कथूरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फैसले के बाद फोरेस्ट क्लीयरेंस की फाइल जल्दी-जल्दी आगे बढ़ रही हैं. बीते दो महीनों में कई बड़े मामलों का निपटारा हुआ है. इनमें दो हेलिपोर्ट के अलावा नेशनल हाईवे और चिडिय़ाघर के बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं, जबकि बिजली बोर्ड और बड़ी लाइन बिछाने को भी मंजूरी मिली है.