भंग हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के बहुचर्चित पेपर लीक मामले की मुख्य आरोपी उमा आजाद, उसके बेटे निखिल आजाद और एजेंट संजीव कुमार को हमीरपुर की अदालत ने बुधवार को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए है. पेपर लीक मामले से जुड़े ये तीनों आरोपी कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुक्रवार आठ सितंबर को अपने घर जा सकेंगे. इन आरोपियों को पेपर लेकर प्रकरण में दर्ज प्रथम एफआईआर पोस्ट कोड 965 में यह जमानत मिली है. यह एफआईआर 23 दिसंबर, 2022 को विजिलेंस थाना हमीरपुर में दर्ज हुई थी.
पेपर लीक प्रकरण में अब तक कुल 14 विभिन्न पोस्टकोड में 13 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिसमें 25 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुके है. इस मामले की मुख्य आरोपी उमा आजाद और उसके बेटों को विजिलेंस ने सबसे पहले 23 दिसंबर , 2022 को उनके हाउसिंग बोर्ड स्थित आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि बाद में अणु में कम्प्यूटर सेंटर चलाने वाले संजीव को गिरफ्तार किया था. -एचडीएम
जमानत पर रिहा हुए ये आरोपी आठ महीने 13 दिन के बाद सलाखों के बाहर आएंगे. गौरतलब है कि इस बहुचर्चित पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी उसके दोनों बेटों और एजेंट संजीव को कई एफआईआर में नामजद किया है. प्रकरण में पेपर खरीदने वाले कई अभ्यर्थियों पर भी केस दर्ज हुए है। पेपर घोटाला में पहली एफआईआर 23 दिसंबर, 2022 को विजिलेंस थाना हमीरपुर में दर्ज हुई थी.
भंग हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो महीने के भीतर हमीरपुर में स्थापित करने की घोषणा की है. इस मामले में विजिलेंस की टीम लगातार छानबीन में जुटी है यह भी संभावना जताई जा रही है कि अभी अन्य पोस्टकार्ड में भी एफआईआर दर्ज की जा सकती है। विभिन्न टीमें इस मामले की जांच में जुटी हुई है.