सिरमौर जिला के राजगढ़ में अवैध रूप से प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण कर रही फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण ने गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी कर संबंधित उद्योग को सील कर दिया है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. हैरत अंगेज मामले में सामने आया है कि राजगढ़ में सोलन रोड पर अवैध फैक्टरी लगाकर प्रतिबंधित कैरी बैगस का उत्पादन कर रही थी.
जानकारी के मुताबिक करीब एक महीने पहले ही फैक्टरी में उत्पादन शुरू किया गया था. राजगढ़ में अचानक ही प्रतिबंधित नॉन वोवन थैलियों की बाढ़ आ गई थी. इसकी भनक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लगी. बुधवार को बोर्ड की टीम ने फैक्टरी में दबिश दी। इस दौरान खुलासा हुआ कि उद्योग में 80 जीएसएम से कम मोटाई के नॉन वोवन बैग बनाए जा रहे थे। गौर हो कि राज्य में 80 जीएसएम से अधिक के नॉन वोवन बैग इस्तेमाल हो सकते है. जैसे-जैसे जीएसएम बढ़ता है, वैसे-वैसे प्लास्टिक की मात्रा भी कम होती रहती है. जांच के दौरान ये भी पता चला कि फैक्टरी को उद्योग विभाग से भी पंजीकृत नहीं करवाया गया था.
उधर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग की बिजली व पानी के कनेक्शन काटने का अनुमोदन भी किया है. साथ ही राजगढ़ के एसडीएम व डीएसपी को प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी करने का भी आग्रह किया है. हैरान करने वाली बात ये है कि उद्योग द्वारा उद्योग विभाग के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी भी नहीं ली गई थी. मौके पर डटी रही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने फैक्टरी को सील कर दिया है. साथ ही उत्पादित खेप को भी फैक्टरी में ही रहने दिया है, लेकिन इसकी बाकायदा फोटो व वीडियोग्राफी की गई है. राजगढ़ नगर पंचायत को भी बाजार में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर निगरानी बरतने के आदेश दिए गए है. -एचडीएम
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिशाषी अभियंता पवन शर्मा ने उद्योग को सील करने की पुष्टि की. साथ ही कहा कि फैक्टरी में अवैध तरीके से नॉन वोवन बैगस का उत्पादन हो रहा था. 80 जीएसएम से कम मोटाई के बैगस का उत्पादन प्रतिबंधित है. जानकारी मिलते ही टीम ने फैक्टरी में दबिश दी। बोर्ड के मुख्यालय को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है. बोर्ड द्वारा ही पर्यावरण मुआवजा तय किया जाएगा.