हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सडक़ें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ, लेकिन अब हम स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हैं कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सडक़ों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में पर्यटकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है. यह कहना है मुख्यमंत्री का। बुधवार सुबह कांगड़ा जाने से पूर्व नादौन में सीएम ने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं. प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि विपदा के समय भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं.
उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आह्वान किया. उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है. ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं. पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही. कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की टिप्पणी पर सीएम ने कहा कि प्रदेश में करीब 50 वर्षों के बाद ऐसी आपदा आई है. इस समय सरकार का पूरा ध्यान आपदा प्रभावितों के दुख को बांटना और उन्हें राहत पहुंचाना है. सरकार इस समय आपदा की चुनौती का सामना कर रही है, परंतु पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ध्यान मात्र बयानबाजी पर ही है. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर से विधानसभा सत्र आरंभ हो रहा है. श्री सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर कर्ज चढ़ा कर गई है.